ओयो रूम्स के फाउंडर युवा रितेश अग्रवाल ने एक कार्यक्रम में कुछ बातें रखी और लोगों ने उनकी बात को समझा. उनका मानना है कि भारत का कंज्यूमर पूरी तरह से बदल रहा है. अब भारत में फंक्शनल कस्टमर बनाम ऐस्पीरेश्नल कस्टमर की बाजार बन रही है. उन्होंने कहा कि ओयो में हमने यह सीखा है. उन्होंने बताया कि ओयो ने पहले फंक्शनल ब्रैंड बनाया था और उसमें कामयाब भी हुए. उन्होंने लोगों को बताया कि 70 प्रतिशत ओयो का रेवेन्यू रिपीट कस्टमर से आता है. यह तब तक कामयाब रहा. लेकिन अब हम फंक्शनल कस्टमर से ऐस्पीरेश्नल कस्टमर की ओर तेजी से विचार कर रहे हैं. यानी यदि अब कोई भी बिजनेस में प्रोडक्ट के बारे में सोच रहा है तो उसे ऐस्पीरेश्नल इंडिया को ध्यान में रखकर अपनी नीति बनानी होगी.
ओयो रूम्स के प्रमुख ने कहा कि हालात कुछ ऐसे बन गए हैं कि टोटल एड्रेसेबल मार्केट साइज में ऐस्पीरेश्नल कस्टमर की संख्या काफी ज्यादा होती जा रही है. उनका कहना है कि यदि कोई प्रोडक्ट निर्माण या फिर सेवा क्षेत्र में है तो इस बात पर बिल्कुल स्पष्ट दृष्टिकोण होना चाहिए कि आपका आइडियल कस्टमर कौन है. उन्होंने कहा कि अब फंक्शनल से ऐस्पीरेशनल कस्टमर की ओर ध्यान देने की जरूरत है.
यह बात केवल ओयो पर लागू नहीं होती है. यह बात अब भारत में नए उत्पाद को तैयार करने वाले सभी बिजनेसमैन पर लागू होती है. हर उत्पाद के साथ कोई न कोई विशेषता बनानी चाहिए. साथ ही यह भी ध्यान रखना चाहिए कि आपका कस्टमर कौन है और क्या चाहता है. अपने कस्टमर की सभी जरूरतों के हिसाब से उत्पाद को तैयार करना चाहिए और उसकी यूएसपी बनाए रखनी चाहिए.
16 नवंबर 1993 को रितेश अग्रवाल जन्म हुआ. वह ऑनलाइन होटल व्यवसाय से जुड़ी कंपनी ओयो रूम्स के सीईओ और संस्थापक हैं. रितेश का जन्म ओडिशा के बिसम कटक गांव में हुआ था और वे कोटा, राजस्थान में पले-बढ़े हैं. उन्होंने अपनी स्कूलिंग सेक्रेड हार्ट स्कूल, रायगड़ा से पूरी की है. उपलब्ध जानकारी के अनुसार उन्होंने दिल्ली में इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस एंड फाइनेंस में भाग लिया लेकिन अपनी कंपनी शुरू करने के लिए बाहर हो गए. बताया जाता है कि 2013 में रितेश ने 19 साल की उम्र में कंपनी OYO रूम्स की शुरुआत की थी. अब यह कारोबार करीब 30000 करोड़ रुपये का हो चुका है.