जम्मू एवं कश्मीर में सरकार बनाने को लेकर चल रही गहमागहमी के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तथा नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) ने आपस में किसी भी बैठक से इनकार किया है। गुरुवार को ट्वीट कर दोनों ही पार्टियों ने यह जानकारी दी।
राज्य में भाजपा के चुनाव अभियान की कमान संभालने वाले पार्टी महासचिव राम माधव ने ट्वीट कर सरकार बनाने को लेकर नेकां तथा भाजपा नेतृत्व के बीच किसी भी बैठक से इनकार किया।
उन्होंने कहा, "दिल्ली में भाजपा नेताओं तथा नेकां नेतृत्व के बीच बैठक की खबरें निराधार हैं।"
नेकां नेता तथा निवर्तमान मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने राम माधव की बैठक को खारिज करने वाले ट्वीट को रिट्वीट किया।
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, बुधवार से दिल्ली प्रवास पर चल रहे उमर ने केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली तथा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की है।
खबरों के मुताबिक, नेकां तथा भाजपा के बीच एक समझौता हुआ है, जिसके मुताबिक आगामी छह साल के लिए राज्य में मुख्यमंत्री भाजपा का होगा, जबकि उमर केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होंगे।
इस बाबत पूछे जाने पर पीपुल्स डेमोकेट्रिक पार्टी (पीडीपी) प्रवक्ता ने कहा कि पीडीपी के साथ गठबंधन बनाने को लेकर दबाव बनाने के लिए ही इस तरह की खबरें फैलाई जा रही हैं। प्रवक्ता ने कहा, "हालांकि अभी हमने इंतजार करने का फैसला किया है।"
इससे पहले खबर थी कि जम्मू-कश्मीर में बीजेपी सरकार बनाने की तैयारियों में जुट गई है। आज जम्मू में विधायक दल की बैठक के बाद बीजेपी सरकार बनाने के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस के नजदीक जाती नजर आई। हालांकि बीजेपी से संभावित गठबंधन को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस में विरोध के सुर उठने लगे हैं।
सूत्रों के मुताबिक नेशनल कॉन्फ्रेंस और बीजेपी के आला नेताओं के बीच नई सरकार के गठन को लेकर संपर्क स्थापित हो गया है। हालांकि इन खबरों का खंडन किया गया कि उमर अब्दुल्ला और अमित शाह के बीच मुलाकात हुई है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि अब्दुल्ला दिल्ली आने के बाद वापस श्रीनगर चले गए हैं और 27 दिसंबर को उनकी लंदन यात्रा से पहले बातचीत आगे बढ़ सकती है।
बताया गया है कि बीजेपी के अधिकांश नेता इस पक्ष में हैं कि पीडीपी के बजाए नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ मिलकर सरकार बनाई जाए। इससे बीजेपी अपना मुख्यमंत्री बनवाने में भी कामयाब हो सकती है। राज्य और केंद्र, दोनों जगह नेशनल कॉन्फ्रेंस को सत्ता में हिस्सेदारी भी दी जा सकती है। बीजेपी की राज्य इकाई भी इसकी पक्षधर है।
जम्मू में गुरुवार को बीजेपी विधायक दल की पहली बैठक हुई। केंद्र से जम्मू गए पर्यवेक्षक वित्तमंत्री अरुण जेटली और राष्ट्रीय सचिव अरुण सिंह ने सभी 25 विधायकों से अलग-अलग मुलाकात की। सूत्रों के मुताबिक अधिकांश विधायक नेशनल कॉन्फ्रेंस से समझौते के पक्ष में थे।
बैठक के बाद जेटली ने कहा कि बीजेपी राज्य में सरकार गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। हालांकि विधायक दल का नेता कौन हो और किसके साथ मिलकर सरकार बनाई जानी है इस बारे में फैसले के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष को अधिकृत किया गया है।
सूत्रों के मुताबिक बीजेपी ने यह फैसला किया है कि राज्य की नई सरकार में सज्जाद लोन की बड़ी भूमिका होगी, ताकि घाटी में सही संदेश दिया जा सके।
राज्य में मुख्यमंत्री की दौड़ में बीजेपी की ओर से निर्मल सिंह आगे हैं, जबकि प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह भी दौड़ में शामिल हैं, मगर उनका सांसद होना उनके आड़े आ सकता है।
जानकारों के मुताबिक बीजेपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस की सरकार बनाए जाने के लिए गणित साफ दिखाई दे रहा है। इसमें बीजेपी के 25, नेशनल कॉन्फ्रेंस के 15, सज्जाद लोन के 2, बीजेपी का एक बागी और तीन अन्य निर्दलियों के साथ संख्या 46 पहुंच जाती है जो बहुमत के आंकड़े से दो ज़्यादा है।
हालांकि नेशनल कॉन्फ्रेंस में इस संभावित गठजोड़ के खिलाफ आवाज उठनी शुरू हो गई है। पार्टी के विधायक आगा रोहुल्ला ने बीजेपी से हाथ मिलाने का विरोध किया है।
(इनपुट एजेंसियों से भी)