केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने साफ किया है कि वस्तुओं एवं सेवाओं की खरीद के मामले में नकद भुगतान 2 लाख रुपये से अधिक होने पर ही स्रोत पर टैक्स वसूली (टीसीएस) लागू होगी। नकद भुगतान इससे कम होने पर टीसीएस नहीं कटेगा।
सीबीडीटी ने इस संबंध में नया सर्कुलर जारी करते हुए यह स्पष्टीकरण दिया है। सीबीडीटी ने कहा है, 'कुल बिक्री चाहे दो लाख रुपये से अधिक ही क्यों न हो यदि नकद प्राप्ति दो लाख रुपये से कम है, तो टीसीएस नहीं कटेगा।'
सीबीडीटी ने स्थिति को स्पष्ट करते हुए उदाहरण भी दिया है। उसने कहा है कि मान लिया जाये कि पांच लाख रुपये का सामान बेचा गया, जिसके लिए चार लाख रुपये का भुगतान चेक से और शेष एक लाख रुपये का भुगतान नकद किया गया। वक्तव्य के अनुसार, 'सौदे में चूंकि नकद प्राप्ति दो लाख रुपये से अधिक नहीं है, इसलिए आयकर की धारा 206सी (1डी) के तहत स्रोत पर कोई टैक्स वसूलने की आवश्यकता नहीं है।' सर्कुलर में कहा गया है कि बिक्री कारोबार में केवल नकद में किए गए भुगतान पर ही टीसीएस वसूले जाना चाहिए न कि सौदे की पूरी राशि पर।
आयकर विभाग 1 जुलाई, 2012 से दो लाख रुपये से अधिक के सर्राफा सौदे पर एक प्रतिशत और पांच लाख रुपये के आभूषणों की खरीद पर एक प्रतिशत की दर से टीसीएस वसूलता आ रहा है। इस स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2016-17 के बजट में दो लाख रुपये से अधिक की वस्तु एवं सेवाओं की खरीद पर एक प्रतिशत की दर से टीसीएस लगाया है। इसी संदर्भ में विभाग ने यह स्पष्टीकरण जारी किया।
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