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अंतरिम बजट : ऑटो इंडस्ट्री को राहत, आयकर दरों में बदलाव नहीं

अंतरिम बजट में वित्तमंत्री चिदंबरम ने मंदी से जूझ रहे ऑटोमोबाइल उद्योग को कुछ राहत दी है, लेकिन आयकर की दरों में कोई बदलाव नहीं किया। वित्तमंत्री ने विनिर्माण और आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए कारों, एसयूवी वाहनों और दोपहिया वाहनों पर उत्पाद शुल्क कम करने की घोषणा की है।
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NDTV Profit हिंदी02:56 PM IST, 17 Feb 2014NDTV Profit हिंदी
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अंतरिम बजट में वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने मंदी से जूझ रहे ऑटोमोबाइल उद्योग को कुछ राहत दी है, लेकिन आयकर की दरों में कोई बदलाव नहीं किया। वित्तमंत्री ने विनिर्माण और आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए कारों, एसयूवी वाहनों और दोपहिया वाहनों पर उत्पाद शुल्क कम करने की घोषणा की है। मोबाइल हैंडसेट के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सभी श्रेणियों में उत्पाद शुल्क की नई दरों का प्रस्ताव किया गया है।

चिदंबरम ने आयकर दरों में कोई बदलाव नहीं किया, लेकिन एक करोड़ रुपये सालाना से अधिक कमाई करने वाले अमीरों पर पिछले साल लगाया गया 10 प्रतिशत अधिभार बरकरार रखा है। कंपनियों पर बढ़ाए गए अधिभार की दर को भी ज्यों का त्यों रखा गया है।

वित्तमंत्री ने पिछले साल एक करोड़ रुपये से अधिक की सालाना आय वाले अमीरों पर 'सुपर रिच' के रूप में एक वर्ष के लिए 10 प्रतिशत अधिभार लगाया था। इसी तरह, उन्होंने 10 करोड़ रुपये सालाना से अधिक कारोबार करने वाली कंपनियों पर कर अधिभार 5 से बढ़ाकर 10 प्रतिशत तथा विदेशी कंपनियों पर भी अधिभार 2 से बढ़ाकर 5 किया था। वित्तमंत्री ने तब कहा था कि यह अतिरिक्त अधिभार केवल एक साल (वित्तवर्ष 2013-14) के लिए लागू रहेगा। अंतरिम बजट 2014-15 में ये अधिभार लागू रखे गए हैं।

चिदंबरम ने कहा कि पूरे वित्तवर्ष के लिए विकास दर 4.9 फीसदी रहने का अनुमान है, जबकि तीसरी और चौथी तिमाही में विकास दर 5.2 फीसदी रहेगी। उन्होंने कहा कि वित्तीय घाटा 4.6 प्रतिशत के भीतर ही रहेगा। वर्ष 2013-14 के लिए चालू बजट घाटा 45 अरब डॉलर रहने का अनुमान है। चिदंबरम ने कहा कि दुनिया के मुकाबले हमारे आर्थिक हालात बेहतर है और हमने मुश्किल हालात में भी विकास दर बनाए रखी है।

उन्होंने कहा कि निर्यात बढ़कर 326 अरब डॉलर हुआ, 10 साल में निर्माण क्षेत्र में 10 लाख नौकरियां पैदा हुईं। 3343 किमी रेलवे ट्रैक जोड़े गए। सात नए हवाई अड्डों का निर्माण शुरू किया गया और 10 साल में बिजली का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ।

कृषि क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन पर खुशी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि 263 मिलियन टन अनाज के उत्पादन का अनुमान है। उन्होंने कहा कि कृषि निर्यात 45 अरब अमेरिकी डॉलर का स्तर पार कर लेगा। वित्तमंत्री ने कहा कि पिछले बजट के मुकाबले महंगाई दर में कमी आई है, लेकिन खाद्य महंगाई अब भी चिंता का विषय है।

चिदंबरम ने कहा कि वह पॉलिसी पैरालिसिस के आरोप को नहीं मानते और दो साल पहले की तुलना में अर्थव्यवस्था स्थिर हाल में है। उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं से मंदी कम हुई और हमने हर क्षेत्र में तरक्की की है। वित्तमंत्री ने कहा कि भूमि अधिग्रहण में पारदर्शिता आई है।

चिदंबरम ने कहा कि योजनाएं लागू करने में हमने कई अवरोध झेले, लेकिन हम अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की कोशिश में हैं और निवेश में कोई बड़ी गिरावट नहीं आई है। उन्होंने कहा कि निर्यात बढ़ने की खुशी है और आयात भी कम हुआ है।

वित्तमंत्री ने कम्युनिटी रेडियो के लिए 100 करोड़ रुपये की घोषणा की और महिला सुरक्षा के लिए बनाए गए निर्भया फंड के लिए 1000 करोड़ रुपये का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि राज्यों को दी जाने वाली केंद्रीय सहायता में वृद्धि होगी। वित्तवर्ष 2014-15 में राज्यों को 3.8 लाख करोड़ रुपये की सहायता दी जाएगी और पूर्वोत्तर के राज्यों को 1200 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल में बिजली उत्पादन क्षमता बढ़कर 2,34,600 मेगावाट हो गई। यही नहीं, 10 साल पहले शिक्षा पर खर्च 10,145 करोड़ था, जबकि इस वर्ष यह 79,251 करोड़ किया गया। 2014-15 में योजनागत खर्च में कोई बदलाव नहीं, 5.55 लाख करोड़ ही रहेंगे।

उन्होंने कहा कि एक रैंक एक पेंशन का प्रस्ताव मंजूर किया गया और इसके लिए 500 करोड़ रुपये मंजूर किए गए। रक्षा बजट में 10 फीसदी की बढ़ोतरी कर इसे 2.24 लाख करोड़ रुपये किया गया। रेलवे को बजटीय सहायता बढ़ाकर 29,000 करोड़ की गई। चिदंबरम ने कहा कि 'आधार' परियोजना के प्रति सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है, क्योंकि योजना के आलोचकों को भी मानना ही पड़ेगा कि यह सशक्तिकरण का माध्यम बना। तेल सब्सिडी 65 करोड़ ही रहेगी।

गैर-योजनागत खर्चे 12.7 लाख करोड़ रुपये रहेंगे। 2014-15 के दौरान खाद्य, उर्वरक तथा ईंधन सब्सिडी 2.46 लाख करोड़ रहेगी। 2.1 करोड़ रसोई गैस उपभोक्ताओं को 3370 करोड़ रुपये डाइरेक्ट कैश सब्सिडी के तौर पर दिए गए। कलपक्कम में 500 मेगावाट का फास्ट ब्रीडर न्यूक्लियर रिएक्टर जल्द तैयार होगा, सात अन्य परमाणु ऊर्जा रिएक्टर निर्माणाधीन हैं। सरकारी बैंकों के लिए 11,200 करोड़ रुपये आवंटित किए गए। सरकारी बैंकों की 5207 नई शाखाएं खोली गईं और कुल 8000 शाखाएं करने का लक्ष्य है। एजुकेशन लोन पर छूट से नौ लाख छात्रों को फायदा हुआ।

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