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अच्छा मॉनसून रहा तो तेजी से विकास करेगा भारत : अरुण जेटली

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि विश्वभर में छायी मंदी के बावजूद भारत सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है।
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NDTV Profit हिंदी02:54 PM IST, 05 May 2016NDTV Profit हिंदी
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अच्छे मॉनसून की भविष्यवाणी साकार होने पर देश की आर्थिक वृद्धि दर में और तेजी आने की उम्मीद व्यक्त करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि विश्वभर में छायी मंदी के बावजूद भारत सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है तथा सरकार ग्रामीण क्षेत्र, रोजगार सृजन को बढ़ाने और मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखने को प्राथमिकता दे रही है।

जेटली ने लोकसभा में कहा, 2014-15 में हमारी वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत थी और 2015.16 में यह 7.6 प्रतिशत रही। हम तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं। भारत दुनिया में सबसे अधिक तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है। विश्व की तुलना में हम सबसे आगे हैं, लेकिन हम स्वयं मानते हैं कि हममे और अधिक क्षमता है। उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत और 7.6 प्रतिशत रहने में वैश्विक मंदी की बाधाकारी स्थिति और बरसात की कमी प्रमुख कारण रहा क्योंकि बरसात की स्थिति का ग्रामीण हालात पर प्रभाव पड़ता है और 55 प्रतिशत लोगों की क्रय शक्ति प्रभावित होती है। वैश्विक बाधाकारक तत्वों के कारण इस दौरान निर्यात में भी गिरावट आई।

अच्छी बरसात से वृद्धि दर बेहतर होगी
जेटली ने कहा, इस बार मॉनसून और अच्छी बरसात का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है। बरसात अच्छी होगी तब कृषि क्षेत्र में सुधार आता है और जीडीपी बेहतर होती है। बरसात अच्छी होगी तो वृद्धि दर बेहतर होगी। जेटली ने स्वर्ण आभूषणों पर एक प्रतिशत उत्पाद शुल्क लगाने के प्रस्ताव को वापस लेने से इंकार किया हालांकि उन्होंने कहा कि यह सुनिश्वित किया जाएगा कि किसी को परेशान नहीं किया जाए। इस बारे में लाहिड़ी समिति गठित की गई है जो अपने सुझाव सरकार को देगी। वित्त मंत्री के जवाब के बाद लोकसभा ने वित्त विधेयक 2016.17 को मंजूरी दे दी। इसमें पांच सरकारी संशोधनों को भी मंजूरी दी गई। इस तरह से बजट की आखिरी प्रक्रिया पूरी हो गई।

कृषि आय पर कर लगाने से इनकार
वित्त मंत्री ने कृषि आय पर कर लगाने से भी इंकार किया और कहा कि कृषि पहले से ही दबाव की स्थिति में है। और कृषि क्षेत्र का विषय केंद्र के दायरे में नहीं आता है और यह राज्य का विषय है। उन्होंने राज्य सरकारों से भी आग्रह किया कि इस संबंध में कर लगाने के बारे में फिलहाल नहीं सोचें।

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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