एक अध्ययन के अनुसार देश में सस्ते या वहनीय मकानों की बढ़ती मांग के साथ इस खंड का बाजार अगले 5-7 साल में बढ़कर 100 अरब डॉलर सालाना होने का अनुमान है. यह अध्ययन पीडब्ल्यूसी, नारेडको और एपीआरईए ने किया है.
इसमें कहा गया है कि बढ़ते शहरीकरण, अर्थव्यवस्था के विकास तथा विशेषकर निम्न आयवर्ग में मकानों की भारी कमी को ध्यान में रखते हुए उक्त खंड का बाजार अगले 5-7 साल साल में बढ़कर 100 अरब डॉलर सालाना का हो जाएगा.
अध्ययन में कहा गया है, ‘नीतियों व प्रक्रिया का सरलीकरण, प्रौद्योगिकी नवोन्मेष व वित्तपोषण इस क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी आकषिर्त करने में बड़ी भूमिका निभाएगा.’ सरकारी अनुमानों के अनुसार इस समय छह करोड़ मकानों की कमी है जिनमें से दो करोड़ मकान शहरी व चार करोड़ मकान ग्रामीण इलाकों में चाहिए.