वित्तमंत्री पी चिदम्बरम ने गुरुवार को आम लोगों से कहा कि वह भारतीय अर्थव्यवस्था की बेहतरी के लिए सोना खरीदने की अपनी लालसा पर नियंत्रण रखें।
उन्होंने कहा, "मैं एक बार फिर से हर व्यक्ति से अनुरोध करता हूं कि वे सोना खरीदने की अपनी तीव्र इच्छा पर नियंत्रण रखें। इसका अर्थव्यवस्था के हर पहलू पर बेहतर असर पड़ेगा।"
उन्होंने कहा कि सोने का आयात घटने का महत्वपूर्ण आर्थिक संकेतकों और खासकर चालू खाता घाटा, व्यापार घाटा तथा महंगाई दर पर महत्वपूर्ण सकारात्मक असर होगा।
चिदम्बरम ने कहा, "लोग सोचते हैं कि वे रुपये में सोना खरीदते हैं। वास्तव में वे डॉलर में सोना खरीदते हैं। यदि एक साल के लिए सोने का आयात नहीं हो, तो उससे देश की चालू खाता घाटा की स्थिति बदल जाएगी।"
मौजूदा कारोबारी साल में हर महीने औसतन 152 टन सोने का आयात हो रहा है, जो 2012-13 में 70 टन प्रति माह था। 2013-14 के पहले दो महीने में सोने के आयात पर 15 अरब डॉलर विदेशी मुद्रा के देश से बाहर चले जाने का अनुमान है।
उन्होंने यह भी कहा कि सोने को सबसे सुरक्षित निवेश मानना गलत है।
उन्होंने कहा कि कई अन्य आकर्षक विकल्प हैं और जानकार निवेशक उनमें निवेश करते हैं। उन्होंने हालांकि सोने का आयात घटाने के लिए शुल्क में कोई अन्य वृद्धि से इनकार किया।