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पूर्व बैंकर चंदा कोचर को CBI का गिरफ़्तार करना गैरकानूनी था : बॉम्बे हाईकोर्ट

आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) लोन धोखाधड़ी मामले (Loan Fraud Case) में बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर (Chanda Kochhar) और उनके पति दीपक कोचर (Deepak Kochhar) को बड़ी राहत मिली है.
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NDTV Profit हिंदी02:23 PM IST, 09 Jan 2023NDTV Profit हिंदी
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ICICI Bank-Videocon Fraud Case: बॉम्बे हाईकोर्ट ने आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) लोन धोखाधड़ी मामले (Loan Fraud Case) में बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर (Chanda Kochhar) और उनके पति दीपक कोचर (Deepak Kochhar) को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए उनकी रिहाई (Release) का आदेश दिया है. इसके साथ ही बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि यह गिरफ़्तारी कानून के मुताबिक नहीं हुई थी. इससे पहले शुक्रवार को न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति पृथ्वी राज चव्हाण की पीठ ने याचिका को आदेश के लिए सुरक्षित रख लिया था.

सीबीआई(CBI) ने 23 दिसंबर को इन दोनों को 2012 में वीडियोकॉन समूह (Videocon Group) को बैंक द्वारा स्वीकृत ऋण में कथित धोखाधड़ी और अनियमितताओं के सिलसिले में पूछताछ के लिए बुलाया था. सीबीआई का आरोप था कि वे जवाब देने में टालमटोल कर रहे थे और जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे. जिसके बाद पति-पत्नी को हिरासत में ले लिया गया था. इसके कुछ दिनों बाद यानी 26 दिसंबर को वीडियोकॉन ग्रुप के फाउंडर वेणुगोपाल धूत को भी गिरफ्तार किया गया था.

चंदा कोचर (Chanda Kochhar) पर मार्च 2018 में अपने पति को आर्थिक फ़ायदा पहुंचाने के लिए अपने पद के दुरुपयोग का आरोप लगा था. चंदा कोचर उस कमेटी का हिस्सा रहीं, जिसने 26 अगस्त 2009 को बैंक द्वारा वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स को 300 करोड़ रुपये और 31 अक्टूबर 2011 को वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को 750 करोड़ रुपये देने की मंजूरी दी थी. कमेटी का इस फैसले में बैंक के रेगुलेशन और पॉलिसी का उल्लंघन किया गया था.

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मई 2020 में चंदा कोचर और उनके पति से करोड़ो रुपये के लोन और इससे जुड़े अन्य मामलों में पूछताछ की थी. यह लोन ICICI बैंक ने वीडियोकॉन को 2009 और 2011 में दिया था. उस समय चंदा कोचर बैंक की MD और CEO थीं. इस मामले में CBI ने भी FIR दर्ज  करके जांच शुरू कर दी थी.

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