नए कंपनी कानून को लागू करने की दिशा में पहल करते हुए सरकार ने आज इस नए कानून के विभिन्न प्रावधानों के लिए विस्तृत मानदंडों का मसौदा जारी किया। यह कानून करीब साठ साल पुराने कानून की जगह लेगा, जिससे देश में कॉरपोरेट के नियमन और कामकाज का तरीका बदल जाएगा।
नियमों के मसौदे का जो पहला सेट जारी किया गया, उसमें कंपनी कानून 2013 के 29 में से 16 अध्याय हैं। सरकार ने इस पर 8 अक्तूबर तक आम जनता और अन्य संबद्ध पक्षों से टिप्पणी मांगी है और कहा है कि इन नियमों का दूसरा सेट अगले सप्ताह जारी किया जाएगा।
पहले सेट में निदेशक मंडल, लेखा परीक्षक, कंपनी का पंजीकरण एवं इसे बनाना, बीमा कंपनियों के पुनरद्धार, कॉरपोरेट के वित्तीय खाते, विदेश में बनी कंपनियों और राष्ट्रीय कंपनी कानून पंचाट एवं अपीलीय पंचाट आदि से जुड़े मानदंड जारी किए गए हैं। नए कंपनी विधेयक को पिछले महीने संसद में मंजूरी मिली, जो कंपनी कानून 1956 की जगह लेगा।