कच्चे तेल एवं खाद्य वस्तुओं की कीमतों में गिरावट के रुख से महंगाई नीचे लाने में मदद मिलेगी। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को यह बयान देते हुए उम्मीद जताई कि चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर 5.5 से 5.9 प्रतिशत के दायरे में रहेगी।
नई दिल्ली में सलाहकार समिति की बैठक में उन्होंने कहा, सरकार की पहली प्राथमिकता देश की अर्थव्यवस्था में तेजी लाने की है। भारतीय अर्थव्यवस्था में उच्च एवं सतत वृद्धि दर हासिल करने की क्षमता है।
वित्तमंत्री ने उम्मीद जताई कि वित्त वर्ष 2014-15 में वृद्धि दर 5.5 से 5.9 प्रतिशत के दायरे में रहेगी। जेटली ने उच्च जीडीपी वृद्धि दर की स्थिति बहाल करने, बचत बढ़ाने, राजकोषीय स्थिति मजबूत करने, चालू खाते के घाटे को मध्यम स्तर पर रखने और निवेश चक्र बहाल करने की सरकार की प्राथमिकताएं गिनाईं।
उन्होंने कहा कि हाल ही में वैश्विक बाजारों में कच्चे तेल की कीमतों में नरमी और घरेलू स्तर पर खाद्य वस्तुओं की कीमतों में गिरावट से आगामी महीनों में मुद्रास्फीति नीचे आने के संकेत मिलते हैं। खाद्य वस्तुओं की कीमतों में गिरावट की वजह से थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति पांच साल के निचले स्तर 2.38 प्रतिशत पर आ गई है।
जेटली ने कहा, चालू खाते के घाटे की भरपाई के लिए पर्याप्त रूप से विदेशी पूंजी आ रही है और कच्चे तेल की कीमतों में नरमी के चलते चालू खाते के घाटे में और कमी आने की संभावना है। बैठक में वित्त मंत्रालय के पांच सचिवों के अलावा लोकसभा और राज्यसभा के सांसद भी शामिल हुए।