ADVERTISEMENT

2-जी मामले की विदेशों में सीबीआई जांच ‘अत्यंत धीमी’ : जेपीसी सदस्य

2-जी घोटाले की जांच कर रही संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के सदस्यों ने इस मामले की विदेशों में चल रही सीबीआई जांच की ‘अत्यंत धीमी गति’ पर चिंता जाहिर की है।
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit Desk
NDTV Profit हिंदी04:22 PM IST, 17 Feb 2013NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

2-जी घोटाले की जांच कर रही संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के सदस्यों ने इस मामले की विदेशों में चल रही सीबीआई जांच की ‘अत्यंत धीमी गति’ पर चिंता जाहिर की है।

सीबीआई ने 2-जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले की जांच कर रही जेपीसी को बताया कि उसने विभिन्न देशों को ‘अनुरोध पत्र’ भेज कर धन के लेन-देन की जानकारी मांगी है ताकि 2-जी आवंटन के मामले में आपराधिक दोष तथा क्षमता से परे जाकर अतिरिक्त स्पेक्ट्रम आवंटन किए जाने के आरोपों की सचाई का पता चल सके।

बैठक के दौरान समिति के सदस्यों ने सीबीआई के निदेशक रंजीत सिन्हा से कहा कि विदेशों में इस मामले की अत्यंत धीमी गति से जांच को लेकर वह नाखुश हैं।

सीबीआई ने कहा कि भारत में मामलों की जांच की जा रही है लेकिन विदेशों में जांच अभी भी लंबित है।

पिछले सप्ताह जेपीसी के समक्ष सीबीआई ने कहा कि जांच एजेंसी ने 11 अप्रैल 2012 को मलेशिया, ब्रिटेन, मॉरीशस और बरमूडा के पास अनुरोध पत्र भेजे हैं तथा इंटरपोल और संबंधित उच्चायोगों की मदद से उनके कार्यान्वयन की कोशिश जारी है।

अनुरोध पत्र भेज कर रेडियो तरंगें प्राप्त करने वाली कुछ दूरसंचार कंपनियों के धन के स्रोत की जानकारी मांगी गई है।

जांच एजेंसी के अधिकारियों ने कहा कि विभिन्न देशों को भेजे गए अनुरोध पत्र का जवाब मिलने के बाद ही वह ‘व्यापक नजरिया’ अपनाने की स्थिति में होंगे। सीबीआई ने कहा कि मॉरीशस और ब्रिटेन से पूछे गए सवालों के जवाब दे दिए गए हैं।

एजेंसी ने कहा कि उसे ब्रिटेन और बरमूडा से कुछ जानकारी मिल सकती है और आगे की रिपोर्ट की प्रतीक्षा की जा रही है।

जेपीसी के समक्ष सीबीआई ने कहा कि मलेशिया ने कई सवाल पूछे जिनके जवाब दे दिए गए हैं। अनुरोध पत्र मलेशिया को भेजे जाने के बाद जांच एजेंसी ने उस देश का दो बार दौरा भी किया।

अनुरोध पत्र एक औपचारिक अनुरोध होता है जो संबद्ध अदालत विदेशी अदालत को जारी करती है और जांच एजेंसी की ओर से इसे विदेश मंत्रालय अग्रसारित करता है ताकि आवश्यक जानकारी हासिल की जा सके।

करोड़ों रुपये के 2-जी मामले की जांच सीबीआई के साथ संयुक्त रूप से प्रवर्तन निदेशालय भी कर रहा है। अनुरोध पत्र भेजने से पहले प्रवर्तन निदेशालय ने दूसरे देशों में अपने समकक्षों से संपर्क किया जिनको सितंबर 2007 से जनवरी 2008 के बीच अर्ध औपचारिक आधार पर स्पेक्टम आवंटन हासिल करने वाली कुछ दूरसंचार कंपनियों के बारे में जानकारी थी।

NDTV Profit हिंदी
लेखकNDTV Profit Desk
NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT