जोरदार फसल, निर्यात में सुधार और सोने के आयात में गिरावट से उत्साहित वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने शुक्रवार को कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार के लक्षण दिखने लगे हैं और चालू वित्तवर्ष में सरकार राजकोषीय और चालू खाते के घाटे को सीमित रखने की अपनी योजना में कामयाब होगी।
चिदंबरम ने संवाददाताओं से बातचीत में हालांकि माना कि महंगाई दर और निवेश के मामले में चुनौती बरकरार है। वित्तमंत्री ने वित्तीय घाटे को जीडीपी का 4.8 प्रतिशत रखने का लक्ष्य रखा है। उन्हें उम्मीद है कि चालू खाते का घाटा भी 60 अरब डॉलर तक सीमित रहेगा।
बुनियादी क्षेत्र के आठ प्रमुख उद्योगों में उत्पादन वृद्धि 8 प्रतिशत पर पहुंचने के आंकड़े जारी होने के एक दिन बाद चिदंबरम ने उद्योग जगत से कहा कि वह नकदी पर बैठे रहने की बजाय परियोजनाओं में निवेश करे। चिदंबरम ने कहा, बुनियादी क्षेत्र की वृद्धि.. बेहतर मॉनसून और निर्यात में तेजी आर्थिक वृद्धि के लिए अच्छे संकेत हैं। हालांकि, अब भी कई चुनौतियां बरकरार हैं और इनमें सबसे महत्वपूर्ण मुद्रास्फीति और निवेश की चुनौती है।
वित्तमंत्री ने कहा, लेकिन मेरा मानना है कि निवेश में भी गतिविधियां बढ़ रही है। हमें पूरा विश्वास है कि राजकोषीय अनुशासन को बनाए रखने के लिये रिजर्व बैंक और हमारे अपने उपायों से आखिर में महंगाई कम होगी। चिदंबरम ने कहा कि सरकार लंबे समय से पड़े बीमा संशोधन विधेयक को संसद के शीतकालीन सत्र में पारित करा लेगी। इस विधेयक में बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश मौजूदा 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 49 प्रतिशत करने का प्रावधान है।
उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष कर संहिता (डीटीसी) में संशोधित मसौदे को अंतिम रूप दे दिया गया है और इसे जल्द ही मंत्रिमंडल के समक्ष रखा जाएगा। वित्तमंत्री ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस साल चालू खाते का घाटा 70 अरब डॉलर से घटकर 60 अरब डॉलर रह जाएगा। पिछले वित्तवर्ष 2012-13 में चालू खाते का घाटा सकल रिकॉर्ड 88.2 अरब डॉलर यानी जीडीपी का 4.8 प्रतिशत तक पहुंच गया था।