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बीमा क्षेत्र में एफडीआई सीमा बढ़ाने और कोल अध्यादेश को कैबिनेट की मंजूरी

कैबिनेट ने बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) सीमा 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 49 प्रतिशत करने संबंधी अध्यादेश को आज मंजूरी दे दी।
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NDTV Profit हिंदी03:11 PM IST, 24 Dec 2014NDTV Profit हिंदी
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कैबिनेट ने बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) सीमा 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 49 प्रतिशत करने संबंधी अध्यादेश को आज मंजूरी दे दी। इससे संबंधित विधेयक संसद के शीतकालीन सत्र में पारित नहीं हो सका। इसके साथ कोयला ब्लॉक नीलामी से जुड़े अध्यादेश को भी मंजूरी दे दी गई है। इसके बाद ये दोनों अध्यादेश राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजे जाएंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सूत्रों ने बताया मंत्रिमंडल ने बीमा क्षेत्र पर अध्यादेश को मंजूरी दे दी। बीमा विधेयक में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की कुल सीमा 26 से बढ़ाकर 49 प्रतिशत तक बढ़ाने का प्रावधान किया गया है। इससे संबंधित विधेयक राज्य सभा में 2008 से लंबित है।

वित्तमंत्री अरुण जेटली के मुताबिक, बीमा क्षेत्र में एफडीआई सीमा बढ़ने पर छह से आठ अरब डॉलर का निवेश आने अनुमान है।     
बीमा पर अध्यादेश को मंजूरी से सुधारों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता और दृढ़ता जाहिर होती है।

बीमा क्षेत्र में प्रस्तावित 49 प्रतिशत की सीमा में एफडीआई और विदेशी पोर्टफोलियो निवेश दोनों शामिल होंगे। इ

बीमा क्षेत्र में एफडीआई सीमा बढ़ाकर 49 प्रतिशत होने पर देश में 7 से 8 अरब डॉलर (करीब 50,000 करोड़ रुपये) का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आने की संभावना है, जिससे बीमा क्षेत्र को उल्लेखनीय प्रोत्साहन मिलेगा।

निजी बीमा क्षेत्र में कुल 35,000 करोड़ रुपये की पूंजी लगी है, जिसमें 26 प्रतिशत एफडीआई के तौर पर करीब 8,700 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश है।

धर्मांतरण के मुद्दे पर विपक्षी दलों के हंगामे की वजह से राज्य सभा में बीमा कानून संशोधन विधेयक, 2008 पर चर्चा नहीं हो सकी। हालांकि विधेयक को सदन की प्रवर समिति मंजूरी दे चुकी है।

सरकार ने राज्य सभा में विधेयक पेश नहीं होने देने में बाधा पहुंचाने के लिए राजनीतिक अवरोध की नति को जिम्मेदार ठहराया। उल्लेखनीय है कि राज्यसभा में राष्ट्रीय जनतांत्रितक गठबंधन (राजग) को बहुमत नहीं है।

देश में इस समय 52 बीमा कंपनियां काम कर रही हैं, जिनमें से 24 जीवन बीमा और 28 साधारण बीमा कारोबार में हैं। इसके अलावा जीआईसी देश की इकलौती पुनर्बीमा कंपनी है।

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