ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के वित्त मंत्रियों में ब्रिक्स बैंक पर सहमति बन गई है। विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की तर्ज पर बनने वाला यह बैंक उभरती और गरीब अर्थव्यवस्था के विकास की जरूरतों की पूर्ति करेगा।
दक्षिण अफ्रीका के वित्त मंत्री प्रवीण गोर्धन ने अन्य देशों के अपने समकक्षों के साथ बैठक के बाद बाद संवाददाताओं से कहा, "यह हो गया।" बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व केंद्रीय वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने किया। गोर्धन ने कहा, "हमने काफी आगे बढ़े।"
प्रस्तावित संस्थान के बारे अधिक विवरण ब्रिक्स के नेता बुधवार को दो दिवसीय सम्मेलन की समाप्ति पर देंगे।
शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कर रहे हैं।
बैंक की स्थापना का विचार विश्व बैंक जैसे संस्थानों के वर्चस्व का मुकाबला करने के लिए किया गया है, क्योंकि वे पश्चिमी देशों द्वारा बनाई गई नीतियों का पालन करते हैं।
माना जा रहा है कि मंगलवार की बैठक में इस मामले पर गठित एक विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को स्वीकार किया गया है।
ब्रिक्स के पांच देश दुनिया की कुल जनसंख्या में 40 फीसदी और कुल भूमि में 30 फीसदी और कुल क्रयशक्ति में 26 फीसदी योगदान करते हैं।