बैंकों ने चीनी मिलों को अब तक 4,000 करोड़ रुपये से अधिक का सस्ता ऋण उपलब्ध कराया है। सरकार ने नकदी संकट से जूझ रही इन मिलों को कुल मिलाकर 6600 करोड़ रुपये का कर्ज मंजूर किया था, ताकि वे गन्ना किसानों को बकाया का भुगतान कर सकें।
आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने दिसंबर में चीनी मिलों के लिए 6,600 करोड़ रुपये के ब्याज मुक्त ऋण की मंजूरी दी थी। इन मिलों को यह ऋण बैंकों के जरिये दिया जाना था।
खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 3 जून तक बैंकों ने चीनी मिलों को 4,072 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त कर्ज दिया है। उन्होंने कहा कि इसमें से महाराष्ट्र स्थित चीनी मिलों को 1,412 करोड़ रुपये तथा उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों को 1,461 करोड़ रुपये दिए गए हैं। बैंकों को सारी ऋण राशि मंजूर करने के लिए जून आखिर तक की समयसीमा दी गई है। इस मद में अगले पांच साल में 2,750 करोड़ रुपये का अनुमानित ब्याज बोझ पड़ेगा, जो कि सरकार वहन करेगी।