टाटा और एयरबस ने भारतीय वायुसेना (आईएएफ) को एयरबस सी-295 परिवहन विमानों की आपूर्ति के लिए संयुक्त बोली लगाई है। आईएएफ ने अपने बेड़े में 56 पुराने पड़ चुके एवरो विमानों की जगह नए परिवहन विमान शामिल करने का कार्यक्रम बनाया है।
अगर उन्हें यह बोली जीतने में सफलता मिलती है, तो यूरोप की विमानन क्षेत्र की दिग्गज कंपनी एयरबस पहले 16 विमानों की आपूर्ति करेगी। बाकी के 40 विमान टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स (टीएएस) द्वारा भारत में विनिर्मित और असेंबल किए जाएंगे।
एयरबस की ओर से जारी बयान के अनुसार एयरबस डिफेंस एंड स्पेस ने भारत के निजी वायुयान विनिर्माण उद्योग का आकलन करने के बाद टाटा समूह की कंपनी टीएएस को बोली के लिए अपने साथ में जोड़ने का यह फैसला किया है। एयरबस के साथ एटीएएस भारतीय उत्पादन एजेंसी (आईपीए) के रूप में जुड़ी है।
एवरो विमानों को सबसे पहले 1960 के दशक में आईएएफ में शामिल किया गया था।
एयरबस डिफेंस एंड स्पेस (एडीएस) के कार्यकारी उपाध्यक्ष (सैन्य विमान) डोमिन्गो यूरेना रासो ने कहा, 'हमारा विश्वास है कि सी295 आईएएफ के एवरो विमानों के बेड़े को बदलने वाला सर्वश्रेष्ठ विकल्प है। टीएएस के रूप में हमें इस परियोजना के लिए भारत के निजी वायु क्षेत्र की बेहतरीन टीम का साथ मिला है।'
उन्होंने सी295 को बेहद विश्वसनीय व मजबूत विमान बताया जिसके प्रति 19 देश भरोसा जता चुके हैं। कई देशों ने तो इसके लिए कई बार आर्डर दिए है। उन्होंने बताया कि इस साल भी बाजार में इस विमान का दबदबा रहा है। पांच देशों से 20 विमानों का आर्डर मिला है।
टीएएस के चेयरमैन एस रामदुरई ने कहा कि उन्हें एडीएस के साथ भागीदारी की घोषणा करते हुए काफी खुशी हो रही है।