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सरकार के प्रयास के बाद गेहूं, चीनी और चावल की कीमतों में हो रही है गिरावट : खाद्य सचिव

सरकार ने बढ़ती मुद्रास्फीति के बीच 13 मई को गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी थी. इसके बाद चीनी के निर्यात की सीमा को घटाकर प्रति वर्ष एक करोड़ टन कर दिया था. इसके अलावा प्रमुख खाद्य तेलों पर आयात शुल्क को भी घटा दिया था.
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NDTV Profit हिंदी10:38 PM IST, 02 Jun 2022NDTV Profit हिंदी
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केंद्रीय खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय (Union Food Secretary Sudhanshu Pandey) ने गुरुवार को कहा कि सरकार की तरफ से लिए गए उपायों के बाद गेहूं, चावल, चीनी और खाद्य तेलों की खुदरा कीमतों में गिरावट का रुख देखने को मिल रहा है. उन्होंने कहा कि पिछले एक सप्ताह में आटे की औसत खुदरा कीमत 0.30 प्रतिशत घटकर 33.4 रुपये प्रति किलो हो गई है. वहीं गेहूं के भाव में भी गिरावट का रुख आया है और इसका भाव एक जून को 29.8 रुपये प्रति किलो है.

सुधांशु पांडेय ने कहा, ‘‘कई कदम उठाने के बाद सभी चुनौतियों के बावजूद इनका असर दिख रहा है. मैं यह नहीं कह रहा कि चुनौतियां एक दम से खत्म हो गई है. ये अभी बनी रहेंगी. इन सब चुनौतियों के बावजूद कीमतों में गिरावट का रुख सरकार के हस्तक्षेप के कारण हुआ है.''

केंद्रीय खाद्य सचिव ने कहा, ‘‘गेहूं की कीमतों में अब कमी आ रही है. गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने से 19 दिन पहले खुदरा गेहूं की कीमतों में 0.74 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. अब, गेहूं के भाव में केवल 0.47 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.'' उन्होंने कहा कि इस तरह का रुख गेहूं और आटे की कीमतों में भी देखा गया है.

वहीं, चावल को लेकर सचिव ने कहा कि चावल का औसत भाव स्थिर बना हुआ और खुदरा और थोक दोनों बाजारों में इसकी कीमतों में मामूली गिरावट भी देखी गई है. खाद्य तेलों के मामले में पांडेय ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोयाबीन और सूरजमुखी के दाम एक साल पहले 35 प्रतिशत बढ़े थे, लेकिन घरेलू स्तर पर उत्पादन बढ़ने की वजह से हम इसके प्रभाव से ‘बच' सके. एक सप्ताह से खाद्य तेल कीमतों में गिरावट का रुख है.

खाद्य सचिव ने कहा कि चीनी का औसत खुदरा दाम 41.50 रुपये प्रति किलो है. पिछले एक महीने में चीनी की कीमतों में 50 पैसे प्रति किलोग्राम की कमी आई है.

बता दें कि सरकार ने बढ़ती मुद्रास्फीति के बीच 13 मई को गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी थी. इसके बाद चीनी के निर्यात की सीमा को घटाकर प्रति वर्ष एक करोड़ टन कर दिया था. इसके अलावा प्रमुख खाद्य तेलों पर आयात शुल्क को भी घटा दिया था.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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