
- शाहरुख खान की फिल्म दीवाना में शुरू में उनके लिए कोई गाना नहीं था, सभी गाने ऋषि कपूर और दिव्या भारती के लिए थे.
- गीतकार समीर ने बताया कि शाहरुख ने खास अनुरोध किया था कि उन्हें भी दो हिट गाने दिए जाएं, जिससे उनकी पहचान बनी.
- म्यूजिक डायरेक्टर नदीम को शुरुआत में शाहरुख पर भरोसा नहीं था, लेकिन बाद में उन्होंने शाहरुख के लिए दो गाने बनाए.
क्या आपको याद है शाहरुख खान की 1992 की फिल्म दीवाना में बाइक पर शहर भर में घूमते हुए उनका शानदार एंट्री सीन, जहां वो “कोई न कोई चाहिए प्यार करने वाला” गाते नजर आए थे? लेकिन दिलचस्प बात ये है कि शुरू में दीवाना फिल्म में शाहरुख के लिए कोई भी गाना नहीं था. सभी गाने ऋषि कपूर और दिव्या भारती पर फिल्माए जाने थे. हाल ही में फिल्म के गीतकार समीर ने एक इंटरव्यू में इस राज से पर्दा उठाया. उन्होंने दूरदर्शन उर्दू को बताया कि दीवाना की शूटिंग से पहले शाहरुख ने उनसे खास तौर पर कहा था, "समीर जी, मुझे भी एक-दो हिट गाने दीजिए, सारे गाने तो ऋषि भैया के लिए हैं."
ऐसे मिले दो गाने
समीर बताते हैं कि म्यूजिक डायरेक्टर नदीम (नदीम-श्रवण जोड़ी के संगीतकार) को भी शुरुआत में शाहरुख पर भरोसा नहीं था. समीर के शब्दों में, “पहले नदीम को लगा कि नया-नया लड़का है, क्या करेगा मालूम नहीं. फिर उन्होंने कहा, लड़का ठीक दिखता है, कुछ करते हैं इसके लिए.” इसके बाद ही शाहरुख को दीवाना में दो गाने मिले एक उनका इंट्रो सॉन्ग "कोई न कोई चाहिए", और दूसरा रोमांटिक ट्रैक "ऐसी दीवानी". समीर मानते हैं कि इन्हीं दो गानों और इस फिल्म से शाहरुख का करियर एक नई ऊंचाई पर पहुंचा.
खान तिकड़ी से था गहरा रिश्ता
समीर ने बताया कि उन्होंने शाहरुख, सलमान और आमिर तीनों के शुरुआती करियर में साथ काम किया. उन्होंने याद किया, “मैं और आमिर कई रातें मंसूर खान के घर बैठे-बैठे गप्पे मारते थे. शाहरुख से मैं अक्सर मिलता था. सलमान के पिता सलीम खान के घर डिनर पर जाता था. बहुत अच्छे इंसान हैं सलीम साहब, उनसे बात करना बहुत अच्छा लगता था.”
समीर कहते हैं, “हम सभी ने एक ही दौर में सफलता पाई, और हमारी कामयाबी में एक-दूसरे का भी योगदान रहा. एक्टर को अच्छे गानों की जरूरत थी और हमें अच्छे परफॉर्मर की. जब वक्त सही हो, तो सबकुछ अपने-आप ठीक हो जाता है.”
गोविंदा को भी फिल्मों में लाए
इस इंटरव्यू में समीर ने एक और खुलासा किया कि उन्होंने ही गोविंदा के मामा से कहकर गोविंदा को फिल्मों में ट्राई करने की सलाह दी थी. क्योंकि उन्हें गोविंदा की डांसिंग स्किल्स बेहद खास लगी थी. दीवाना के बाद समीर ने शाहरुख के लिए कई हिट गाने लिखे, जैसे अंजाम (1994), कुछ कुछ होता है (1998), बादशाह (1999), कभी खुशी कभी ग़म (2001), और देवदास (2002) का “मोरे पिया”.
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