बॉलीवुड की गलियों में कई कहानियां दबी पड़ी हैं. कुछ चमकदार, कुछ चौंकाने वाली और कुछ ऐसी, जो आज भी रूह कंपा देती हैं. ऐसी ही कहानी है मधु मालिनी की, जिन्हें लोग हेमा मालिनी की ‘हमशक्ल' कहते थे. गरीबी में पली ये लड़की 70s में फिल्मों में अपनी जगह बनाने में कामयाब हुई और अमिताभ बच्चन की ऑनस्क्रीन बहन बनकर रातोंरात चर्चा में आ गई. लेकिन जितनी तेजी से वो स्टारडम की सीढ़ियां चढ़ीं, उतनी ही रहस्यमय तरीके से उनकी जिंदगी खत्म हो गई. क्या थी मधु मालिनी की कहानी, आइए जानते हैं.
रुखसाना से बनीं मधु मालिनी
1950 के दशक के मुंबई के माहिम में जन्मी रुखसाना के घर में इतने बुरे हालात थे कि भविष्य की कोई उम्मीद ही नहीं दिखती थी. लेकिन यही लड़की सपनों की दुनिया यानी बॉलीवुड की दीवानी थी. छोटे-छोटे रोल से शुरुआत की और धीर-धीरे पूरी इंडस्ट्री का ध्यान अपनी ओर खींच लिया. फिर आया वो मोड़ जिसने उनकी पूरी जिंदगी बदल दी. लोगों ने नोटिस किया कि उनकी शक्ल हेमा मालिनी से मिलती है. देखते ही देखते रुखसाना ‘मधु मालिनी' बन गईं. मधु ने ‘मुकद्दर का सिकंदर' (1978) में अमिताभ बच्चन की बहन बनकर धूम मचा दी. इस रोल ने उन्हें रातों रात पहचान दिला दी. आगे चलकर उन्होंने ‘लावारिस', ‘खुद्दार', ‘एक दूजे के लिए', ‘रजिया सुल्तान' जैसी फिल्मों में काम किया.
घर पर मिली मधु मालिनी की लाश
लेकिन इसी चमक के बीच उनकी जिंदगी पर एक ऐसा काला पर्दा गिरा, जो आज तक नहीं उठा. 80s के आखिर में अचानक खबर आई कि मधु मालिनी की घर में लाश मिली है. सबसे डरावनी बात ये थी कि ये तक पता नहीं चल पाया कि उनकी मौत कब हुई और वो कितने दिनों तक घर में पड़ी रहीं. पुलिस ने फाइल खोली, जांच हुई. लेकिन न हत्या का कोई सुराग मिला, न आत्महत्या का. किसी ने कुछ नहीं देखा, किसी ने कुछ नहीं सुना. मामला इतना उलझा हुआ था कि कुछ ही समय बाद केस बंद कर दिया गया.
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