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वो सुपरहिट विदाई का गाना, जिसे गाते-गाते रो पड़े थे मोहम्मद रफी, बेटी की शादी से 2 दिन पहले किया रिकॉर्ड

बेटियां एक न एक दिन पिता का घर छोड़ ससुराल चली जाती है. ऐसे में हर माता- पिता के लिए की विदाई का समय काफी मुश्किल भरा रहता है.

वो सुपरहिट विदाई का गाना, जिसे गाते-गाते रो पड़े थे मोहम्मद रफी, बेटी की शादी से 2 दिन पहले किया रिकॉर्ड
विदाई का ऐसा गाना, जिसे गाते हुए रोने लगे थे मोहम्मद रफी
नई दिल्ली:

बेटियां एक न एक दिन पिता का घर छोड़ ससुराल चली जाती है. ऐसे में हर माता- पिता के लिए की विदाई का समय काफी मुश्किल भरा रहता है. इसी के साथ जब शादियों में बेटी की विदाई के दौरान बॉलीवुड का प्रसिद्ध गाना 'बाबुल की दुआएं लेती जा' बजता है तो यकीनन हर कोई खुद को रोने से रोक नहीं पाता है. वहीं आपको बता दें, जब इस गाने की रिकॉर्डिंग की गई थी, उस दौरान मोहम्मद रफी इसे गाते- गाते रो दिए थे. सबले खास बात है कि इस गाने उन्होंने अपनी बेटी की शादी से दो दिन पहले रिकॉर्ड किया था.

रोते- रोते हुई थी 'बाबुल की दुआएं लेती जा' गाने की रिकॉर्डिंग

सुरों के सरताज मोहम्मद रफी ने अपने करियर में एक से बढ़कर एक गाने रिकॉर्ड किए थे, लेकिन उन्हीं में से 'बाबुल की दुआएं लेती जा' एक ऐसा गाना था, जिसे उन्होंने रोते- रोते रिकॉर्ड किया. बता दें, इस गाने को साल 1966 में डायरेक्टर राम माहेश्वरी की फिल्म ' नील कमल' के लिए रिकॉर्ड किया गया था. इस फिल्म में मुख्य भूमिका में वहीदा रहमान, राजकुमार और मनोज कुमार थे. बताया जाता है, जब मोहम्मद रफी इस गाने को रिकॉर्ड कर रहे हैं तो गाते-गाते वह रो रहे थे और उनके आंसू छलकने लगे थे. हालांकि उन्होंने गाने की रिकॉर्डिंग रोकी नहीं. साल 1966 से लेकर आज तक इस गाने का हर कोई दीवाना है और इसे सुनने के बाद लोगों के आंसू नहीं रुकते हैं.

गाना रिकॉर्ड करते समय क्यों रो रहे थे मोहम्मद रफी

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आज के ठीक 50 साल पहले 'शमां मैगजीन' को मोहम्मद रफी ने इंटरव्यू दिया था, जिसमें उन्होंने 'बाबुल की दुआएं लेती जा' गाने की रिकॉर्डिंग के बारे में कई दिलचस्प बातें बताई थी. उन्होंने बताया था कि, जिस दिन इस गाने की रिकॉर्डिंग हुई थी, उससे ठीक एक दिन पहले उनकी बेटी की सगाई थी और दो दिन बाद शादी होने वाली थी. ऐसे में वह इस गाने के हर बोल को महसूस कर पा रहे थे. 

उन्होंने इंटरव्यू में कहा, 'गाने की रिकॉर्डिंग के दौरान मैं समझ पा रहा था, जब अपना जिगर का टुकड़ा आपको छोड़कर चला जाता है तो कैसा लगता है. गाने की रिकॉर्डिंग के समय मैं दो दिन बाद होने वाली अपनी बेटी की विदाई को इमेजिन कर पा रहा था. ऐसा लग रहा था, जैसे बेटी की विदाई का मंजर मेरी आंखों के सामने हैं, वह डोली बैठकर विदा हो रही है. यही कारण था कि मैं खुद को रोने से नहीं रोक पाया था और मेरे आंसू बहते चले गए'.


 

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