हां, मैं हूं खलनायक... बड़े पर्दे पर पूरे स्वैग के साथ गर्दन हिलाते और बड़े बड़े बालों को झटकते हुए संजय दत्त जब ये कहते हैं तो फैन्स तालियां पीटने पर मजबूर हो जाते हैं. वो ऐसे खलनायक थे जिन्हें निगेटिव किरदार के लिए भी खूब प्यार मिला. न सिर्फ प्यार मिला बल्कि उनके करियर के लिए भी ये फिल्म गेम चेंजर साबित हुई. जिसने ऐसा बूस्ट दिया कि संजय दत्त का करियर कामयाबी की नई परवाज भरने लगा. इस फिल्म से उनके फैन बने बहुत कम लोग ये जानते होंगे कि फिल्म के लिए संजय दत्त पहली पसंद नहीं थे. तीन लोगों के इंकार के बाद संजय दत्त को बल्लू बनने का मौका मिला.
इन सितारों ने किया इनकार
फिल्म के डायरेक्टर सुभाष घई इस रोल के लिए आमिर खान को फाइनल करना चाहते थे. लेकिन आमिर खान तब निगेटिव रोल करने के मूड में नहीं थे. इसलिए उन्होंने फिल्म से इंकार कर दिया. उनके इंकार के बाद मेकर्स का मन नाना पाटेकर को फिल्म में लेने का था. वैसे भी नाना पाटेकर और जैकी श्रॉफ की बॉन्डिंग भी उस वक्त काफी पसंद की जा रही थी. खुद सुभाष घई ने एक इंटरव्यू में ये कहा था कि नाना पाटेकर को फाइनल कर स्टोरी पर काम भी शुरू कर दिया गया था.
संजू बाबा को ऐसे मिली फिल्म
जैसे जैसे फिल्म की कहानी आगे फाइनल होती गई. मेकर्स को ये एहसास हो गया कि नाना पाटेकर फिल्म के लिए बेस्ट च्वाइस नहीं है. इसके बाद संजय दत्त को ये रोल ऑफर किया गया और वो तैयार भी हो गए. हालांकि बाद में अनिल कपूर ने भी फिल्म करने की इच्छा जताई. राम लखन में एक साथ काम कर चुके जैकी श्रॉफ, अनिल कपूर और सुभाष घई को फिर से साथ काम करने का मौका मिलता. लेकिन तब तक संजय दत्त के साथ बातचीत हो चुकी थी. जिस वजह से अनिल कपूर के हाथ से ये रोल निकल गया.
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