Ravi Kishan: नई चुनावी पारी खेल रहे रवि किशन का नाम आज की तारीख में किसी पहचान का मोहताज नहीं है. रवि किशन ने पहले अभिनेता बनने के लिए लंबा संघर्ष किया और फिर वो अपनी एक्टिंग से खास जगह बनाने में कामयाब रहे. अब वो राजनीति में भी एक सफल पारी खेल चुके हैं. इस बार फिर से लोकसभी चुनाव 2024 में उन्होंने गोरखपुर सीट से अपनी किस्मत आजमाई. हालांकि घर से निकलकर जब वो मायानगरी आए तब उनकी राह बहुत आसान नहीं थी. उन्हें नाम कमाने के लिए खूब मेहनत करनी पड़ी. अपना घर छोड़ कर फिल्मी दुनिया तक आने का उनका सफर बेहद दिलचस्प रहा है. जिसमें पिता की डांट और मार के साथ ही मां का प्यार भी शामिल है.
पिता ने पीटा तो छोड़ा घर
रवि किशन के पिता का डेयरी बिजनेस था. जो अचानक बंद हुआ. उसके बाद रविकिशन का परिवार वापस जौनपुर लौट आया. रवि किशन को बचपन से ही एक्टिंग का शौक था. सो छुप छुप कर रामायण में रोल अदा करते थे. उस वक्त उन्हें रामायण में सीता बनने के रोल ऑफर होते थे. एक दिन पिता को उनकी इस एक्टिंग के शौक की खबर लग गई. उन्होंने रवि किशन को खूब मारा. ये बात मां को गंवारा नहीं हुई. उस जमाने में उन्होंने रवि किशन को 5 सौ रु. दिए और घर से भगा दिया. घर से भाग कर रवि किशन मुंबई आ गए और फिल्मी दुनिया में मौके की तलाश करने लगे.
ऐसे बनी पहचान
मुंबई आने के बाद रवि किशन ने काम पाने के लिए बहुत कोशिश की. साल 1991 में उन्हें पहली बार काम मिला. उन्होंने पितांबर मूवी के साथ डेब्यू किया. असल पहचान उन्हें मिली सलमान खान की मूवी तेरे नाम से जिसमें वो छोटे से किरदार में दिखाई दिए. उसके बाद वो भोजपुरी मूवीज में भी एक्टिव हुए. और, उनका वक्त बदलना शुरू हो गया. यहां वो 200 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके हैं.
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