भारतीय सिनेमा के दिग्गज निर्देशक राम गोपाल वर्मा (आरजीवी) ने हाल ही में रिलीज हुई फिल्म 'धुरंधर' की जमकर सराहना की है. उन्होंने इसे भारतीय सिनेमा में एक 'क्वांटम लीप' यानी बड़ा उछाल बताया. राम गोपाल वर्मा का कहना है कि निर्देशक आदित्य धर ने अकेले दम पर उत्तर और दक्षिण भारतीय सिनेमा के भविष्य को बदल दिया है. इस पोस्ट पर आदित्य धर ने भावुक प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने राम गोपाल वर्मा को अपना प्रेरणा स्रोत बताया. यह पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और फिल्म प्रेमियों के बीच चर्चा का विषय बन गया है.
क्या बोले राम गोपाल वर्मा
राम गोपाल वर्मा ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक लंबा पोस्ट शेयर किया, जिसमें उन्होंने 'धुरंधर' को सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक अनोखा अनुभव बताया. उन्होंने लिखा कि फिल्म में स्केल से ज्यादा महत्वपूर्ण है वह विजन, जो दर्शकों के दिमाग को छूता है. आदित्य धर सीन नहीं निर्देशित करते, बल्कि किरदारों और दर्शकों के मन की स्थिति को इंजीनियर करते हैं. फिल्म ध्यान नहीं मांगती, बल्कि उसे हासिल करती है. पहले शॉट से ही ऐसा लगता है कि कुछ अपरिवर्तनीय शुरू हो गया है और दर्शक सिर्फ देखने वाला नहीं, बल्कि घटनाओं का साथी बन जाता है.
DHURANDHAR is not a film , it is a QUANTUM LEAP in INDIAN CINEMA
— Ram Gopal Varma (@RGVzoomin) December 19, 2025
I believe that @AdityaDharFilms has completely and single handedly changed the future of Indian cinema , be it north or south ..That's because Duradhar is not just a film.. it is a quantum leap
What Dhurandhar…
और क्या कीं तारीफ
राम गोपाल वर्मा ने फिल्म की राइटिंग, स्टेजिंग और साइलेंस को हथियार की तरह इस्तेमाल करने की तारीफ की. उन्होंने कहा कि कहानी में पावर वॉल्यूम से नहीं, बल्कि दबाव बनाकर आती है. हर सीन संकुचित लगता है, जैसे स्प्रिंग को घुमाया जा रहा हो, जो कभी भी फट सकता है. परफॉर्मेंस ऐसी हैं जो पसंद करने के लिए नहीं, बल्कि लंबे समय तक याद रहने के लिए डिजाइन की गई हैं. किरदार अपनी पिछली कहानियां खुद लेकर आते हैं और फिल्म दर्शकों की बुद्धिमत्ता पर भरोसा करती है, बैकस्टोरी को स्पून-फीड नहीं करती.
धुरंधर में क्या है खास
तकनीकी रूप से भी राम गोपाल वर्मा ने फिल्म को भारतीय सिनेमा की व्याकरण को नए सिरे से लिखने वाला बताया. साउंड डिजाइन सीन को सजाती नहीं, बल्कि उनका पीछा करती है. कैमरा ऑब्जर्व नहीं करता, बल्कि शिकारी की तरह घूमता है. एक्शन कोरियोग्राफी नहीं, बल्कि वास्तविक हिंसा की तरह बदसूरत और जस्टिफाइड है. लेकिन सबसे महत्वपूर्ण है फिल्म का इंटेंट, जो ट्रेंड्स या वैलिडेशन नहीं पीछा करता है. यह भारतीय सिनेमा का बयान है कि हमें हॉलीवुड की नकल करने या खुद को कमजोर दिखाने की जरूरत नहीं. फिल्म देखकर दर्शक सिर्फ एंटरटेन नहीं होते, बल्कि बदल जाते हैं.
Sir… 🙏
— Aditya Dhar (@AdityaDharFilms) December 19, 2025
If this tweet were a film, I would have gone to watch it first day first show, stood in the last row, and come out changed.
I came to Mumbai years ago carrying one suitcase, one dream, and an unreasonable belief that I would one day work under Ram Gopal Verma. That never…
क्या बोले आदित्य धर
इस पोस्ट पर आदित्य धर ने तुरंत जवाब दिया. उन्होंने कहा कि अगर यह ट्वीट एक फिल्म होती, तो वे पहले दिन पहले शो में देखते, आखिरी रो में खड़े रहते और बाहर आकर बदल जाते. सालों पहले मुंबई आए थे एक सूटकेस, एक सपना और राम गोपाल वर्मा के साथ काम करने की जिद लेकर. वह कभी नहीं हुआ, लेकिन राम गोपाल वर्मा की फिल्मों ने उन्हें खतरनाक सोच सिखाई. 'धुरंधर' को क्वांटम लीप कहना उनके लिए अवास्तविक और भावुक है. अब अगली फिल्म को इस ट्वीट पर खरा उतरना होगा. राम गोपाल वर्मा उनके पसंदीदा निर्देशक हैं, जिन्होंने भारतीय सिनेमा को निर्भीक, असभ्य और जीवंत बनाया. अगर 'धुरंधर' में उसका थोड़ा सा डीएनए है, तो राम गोपाल वर्मा की वजह से. दर्शकों को इंटेलिजेंट मानना राम गोपाल वर्मा से सीखा. धन्यवाद देते हुए आदित्य ने कहा कि फैन ओवरव्हेल्म्ड है, फिल्ममेकर चैलेंज्ड फील करता है और मुंबई आया लड़का आखिरकार देखा गया महसूस करता है. यह आदान-प्रदान फिल्म इंडस्ट्री में आपसी सम्मान की मिसाल है. 'धुरंधर' आदित्य धर की नई फिल्म है, जो पहले 'उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक' और 'आर्टिकल 370' जैसी हिट्स दे चुके हैं. राम गोपाल वर्मा की तारीफ से फिल्म की हाइप बढ़ गई है.
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