Padmavati को इसलिए Padmavat करवाना चाहता है Censor Board, जानें पूरी हकीकत

पद्मावती की रिलीज की राह खुलती नजर आ रही है क्योंकि सेंसर बोर्ड ने यू/ए सर्टिफिकेट देने का फैसला कर लिया है.

Padmavati को इसलिए Padmavat करवाना चाहता है Censor Board, जानें पूरी हकीकत

खास बातें

  • पद्मावती से बदलकर फिल्म का नाम हो सकता है पद्मावत
  • सूफी कवि मलिक मुहम्मद जायसी ने ‘पद्मावत’ की रचना की थी
  • इसकी रचना अवधी भाषा में की गई है
नई दिल्ली:

पद्मावती की रिलीज की राह खुलती नजर आ रही है क्योंकि सेंसर बोर्ड ने यू/ए सर्टिफिकेट देने का फैसला कर लिया है. लेकिन इसके लिए सिर्फ फिल्म का नाम ‘पद्मावती’ से बदलकर ‘पद्मावत’ करना होगा क्योंकि ऐसे करते ही फिल्म हकीकत नहीं रहेगी और यह काल्पनिक कहानी में तब्दील हो जाएगी. जी हां, सूफी कवि मलिक मुहम्मद जायसी ने ‘पद्मावत’ की रचना की थी. यह एक महाकाव्य है और इसकी रचना अवधी भाषा में की गई है. इसमें ऐतिहासिकता और काल्पनिकता दोनों का मिश्रण माना जाता है.

CBFC फिल्म 'पद्मावती' को पास करने को तैयार, मगर कहा- 26 कट लगाएं, नाम बदलकर 'पद्मावत' करें

मलिक मुहम्मद जायसी ने 1540 ईस्वी में इस ग्रंथ की चौपाई शैली में रचना की थी. जायसी ने इस ग्रंथ की रचना करते हुए इसमें इतिहास और कल्पना, लौकिक और अलौकिक चीजों का ऐसा मिक्सचर किया है कि जिससे ये ग्रंथ अद्वितीय बन पड़ा है. सूफी कवि जायसी की कहानी में तोते का अहम रोल है. ये तोता रानी पद्मिनी का होता है, और उसी तोते की वजह से राजा रतनसेन पद्मिनी से मिल पाते हैं. दिलचस्प यह था कि राजा रतनसेन पद्मिनी को देखकर ही बेहोश हो गए थे. रतनसेन और पद्मिनी की कहानी बहुत ही दिलचस्प है, और हीरामन तो कमाल का कैरेक्टर जायसी ने गढ़ा है.

अगर ‘पद्मावती’ का नाम ‘पद्मावत’ किया जाता है तो फिल्म को लेकर सारे विवाद खत्म हो जाएंगे क्योंकि फिर फिल्म काल्पनिकता की कैटेगरी में आ जाएगी. वैसे भी लगभग 200 करोड़ रु. की फिल्म को अटकाए रखने से अच्छा तो संजय लीला भंसाली के लिए यही है कि वे इसके नाम को बदलने के बारे में सोच सकते हैं.

VIDEO: 

 ...और भी हैं बॉलीवुड से जुड़ी ढेरों ख़बरें...


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com