Padman Movie Review: अक्षय कुमार इस कहानी से फिर जीत लेंगे दर्शकों का दिल

पैडमैन की कहानी तमिलनाडु के रहने वाले अरुणाचलम मुरुगनाथम की ज़िंदगी से प्रेरित है. जिसने महिलाओं को सस्ते सैनिटरी पैड उपलब्ध कराने के लिए खूब जद्दोजेहद किया.

Padman Movie Review: अक्षय कुमार इस कहानी से फिर जीत लेंगे दर्शकों का दिल

Padman Movie Review: फिल्म के एक सीन में अक्षय कुमार

खास बातें

  • पैडमैन आज हुई रिलीज
  • अक्षय और राधिका हैं लीड एक्टर्स
  • कहानी है दमदार
नई दिल्ली:

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि फ़िल्म पैडमैन की कहानी प्रेरित है तमिलनाडु के रहने वाले अरुणाचलम मुरुगनाथम की ज़िंदगी से, जिसने महिलाओं को सस्ते सैनिटरी पैड उपलब्ध कराने के लिए खूब जद्दोजेहद किया. Padman में अक्षय कुमार उसी अरुणाचलम की भूमिका निभा रहे हैं लेकिन किरदार का नाम है लक्ष्मी. पैडमैन की कहानी मध्यप्रदेश की पृष्ठभूमि पर बसी है और दिखाया गया है कि देश की महज़ 12% महिलाएं ही पैड का उपयोग करती हैं और जो बची हैं वो गंदे कपड़े, पत्ते और राख का उपयोग करती हैं जिसकी वजह से कई बीमारियां होती हैं या हो सकती हैं. ऐसे में अपनी पत्नी की इस परेशानी को देख लक्ष्मी अपने परिवार और समाज से लड़ता है. बहुत मशक्कत से सस्ती मशीन बनाता है ताकि महिलाओं को सस्ते पैड दिए जा सके.

इस वजह से 'पैडमैन' के प्रमोशन में टाइम नहीं दे पा रही हैं राधिका आप्टे

पैडमैन की ख़ास बात ये है कि इसके निर्देशक आर बाल्की ने इसकी कहानी अच्छे से पर्दे पर उतारा है. Padman की कहानी की रफ़्तार अच्छी है खास तौर से दूसरे भाग में. फिल्म पैडमैन के द्वारा इस बात पर बार-बार ज़ोर दिया गया है कि इस टॉपिक पर महिलाएं बात तक नहीं करती और बीमारी से डरने के बजाए शर्म से पानी-पानी होती हैं. इसके अलावा महिला सशक्तिकरण और महिलाओं के रोजगार को भी फ़िल्म छूती है. पैडमैन के जरिए अक्षय कुमार ने एक बार फिर अच्छा विषय चुना है और अच्छा अभिनय किया है. यूनाइटेड नेशन्स में अक्षय कुमार की स्पीच दिल को छूती है और लंबा दृश्य होने के बावजूद यह सीन बोर नहीं करती.

PadMan ने रिलीज से पहले कर दिखाया वह कारनामा, जो अब तक किसी फिल्म ने नहीं किया...

फ़िल्म की खामियों की अगर बात करें तो सबसे पहले है इसकी लंबाई जो थोड़ी और कम हो सकती थी. फ़िल्म का पहला हिस्सा ख़ास तौर से थोड़ा लंबा लगता है और थोड़ा प्रीची भी लगती है. लक्ष्मी को समाज से जो गालियां मिलती हैं वो मेरे हिसाब से कुछ ज़्यादा हो गईं.

बता दें कि इस विषय पर पैडमैन पहली फ़िल्म नहीं है. दो और फिल्में बन चुकी है जिसमे एक फ़िल्म है 'फुल्लू'. इस फ़िल्म में एक पति अपनी पत्नी के लिए पैड बनाने निकला था. दूसरी फिल्म करीब ढाई साल पहले देखी थी जिसका नाम आईपैड था. पैडमैन की घोषणा से पहले आईपैड बन चुकी थी और वो फिल्म भी अरुणाचलम की ज़िंदगी पर बनी थी. किसी कारण से आईपैड रिलीज़ नहीं हो पाई. 

बॉलीवुड के बाद TV सेलेब्स ने पूरा किया PadMan Challenge, एकता कपूर समेत इन्होंने उठाया 'पैड'

दोनों फिल्मों की तुलना तो नहीं करना चाहिए लेकिन यह जरूर है कि आईपैड रियलिटी के ज़्यादा करीब थी और जहां की कहानी कह रही थी वहां के किरदार, हाव-भाव और भाषा भी वहीं की थी जबकि पैडमैन के साथ ऐसा नहीं है और शायद इसे मसालेदार बनाने के लिए कुछ तड़के लगाए गए हैं. पैडमैन को आप एक बार देख सकते हैं क्योंकि इसका विषय अच्छा है जिसे कमर्शियल अंदाज़ में बनाई गई है. इस फ़िल्म के लिए मेरी रेटिंग है 3 स्टार.

VIDEO: स्क्रिप्ट कसी होती तो बेहतरीन फिल्‍म बनती 'टॉयलेट एक प्रेम कथा'

 ...और भी हैं बॉलीवुड से जुड़ी ढेरों ख़बरें...


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com