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This Article is From Aug 17, 2023

आठ साल की उम्र में एक्टिंग का मौका, रेलवे में पिता की कमाई 300 और बेटे की 3 हजार, 70s के सबसे महंगे स्टार को पहचाना क्या?

70 के दशक में बॉलीवुड में इस बाल कलाकार का ऐसा जलवा था कि ये इंपाला में सवारी करता था. तब पूरी मुंबई में केवल 12 लोगों के पास ये महंगी कार हुआ करती थी.

आठ साल की उम्र में एक्टिंग का मौका, रेलवे में पिता की कमाई 300 और बेटे की 3 हजार, 70s के सबसे महंगे स्टार को पहचाना क्या?
70 के दशक के महंगे स्टार को पहचाना क्या
नई दिल्ली:

बॉलीवुड ऐसी सुनहरी दुनिया है जो लाखों लोगों को सपने दिखाती तो है लेकिन सभी के सपने पूरे नहीं हो पाते.  कुछ लोग जिंदगी भर में भी वो पहचान नहीं बना पाते जो कुछ कलाकारों को बचपन से ही मिल जाती है. सत्तर के दशक में ऐसा ही एक चाइल्ड एक्टर था जो अपने मसखरेपन से लोगों का दिल जीत लिया करता था. इस चाइल्ड एक्टर ने एक दौर में अपनी एक्टिंग से ऐसी धूम मचाई कि उसका नाम मशहूर कॉमेडियन महमूद साहब के नाम पर रख दिया गया. जी हां बात हो रही है सदाबहार कॉमेडियन जूनियर महमूद की.

70 के दशक के सबसे महंगे बाल कलाकार थे जूनियर महमूद  

जूनियर महमूद का जन्म मुंबई में हुआ और उनके पिता रेलवे में काम करते थे. जूनियर महमूद का असली नाम मोहम्मद नईम सैय्यद रखा गया था. ये अपने 6 भाई बहनों में तीसरे नंबर पर थे और काफी मज़ाकिया किस्म के थे. ये बचपन में ही लोगों को अपनी बातचीत और अदाओं से खूब हंसाया करते थे. जूनियर महमूद के बड़े भाई बॉलीवुड के लिए स्टिल फोटोग्राफर का काम करते थे और इसी के चलते जूनियर महमूद ने भी बॉलीवुड में एक्टिंग का सपना देखा.

 8 साल में डायलॉग बोलने के लिए मिले थे 5 रुपए 

एक बार वो अपने भाई के साथ एक फिल्म की शूटिंग देखने गए. वहां मशहूर कॉमेडियन जॉनी वॉकर एक्टिंग कर रहे थे और उनके साथ का बाल कलाकार बार बार लाइन भूल रहा था. तब एकाएक जूनियर महमूद के मुंह से निकला - अमा यार इतनी सी लाइन तो बोल नहीं पा रहा और आ गया एक्टिंग करने. डायरेक्टर ने ये बात सुनी तो जूनियर महमूद से कहा कि तुम करके दिखाओ. इन्होंने एक ही शॉट में वो सीन ओके किया और उनको पहली कमाई के रूप में मिले पांच रुपए. उस वक्त महमूद आठ साल के थे और पांच रुपए उस दौर में बड़ी रकम थी.

महमूद ने रखा नाम जूनियर महमूद  

इसके बाद तो महमूद को काफी काम मिलने लगा. उनके ऊपर महमूद साहब की भी कृपा बरसी और खुद महमूद साहब ने इनको जूनियर महमूद का नाम दिया. काफी साल तक जूनियर महमूद जूनियर आर्टिस्ट बनकर काम करते रहे और काफी अच्छी कमाई करते रहे. 1968 में आई शम्मी कपूर की फिल्म ब्रह्मचारी में जूनियर महमूद का काम काफी सराहा गया और उनकी गाड़ी चल निकली. इसके बाद उनकी काफी फिल्में हिट हुईं. ये वो दौर था जब उनके  पिता को रेलवे से महीने के 300 रुपए की सैलरी मिलती थी और जूनियर महमूद एक दिन की शूटिंग के 3000 रुपए लेते थे. उस दौर में जूनियर महमूद ने अपने लिए इंपाला गाड़ी खरीदी जो मुंबई में कुछ ही लोगों के पास थी. बॉलीवुड में काफी सफलता हासिल करने के बाद जूनियर महमूद ने मराठी फिल्म इंडस्ट्री में भी काफी काम किया. इसके बाद वो टीवी की दुनिया में आए और वहां भी काफी सफल रहे. टीवी पर तेनाली रामा और प्यार का दर्द है मीठा मीठा प्यारा प्यारा में वो दिखाई दिए.

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