राज़ी', ‘तलवार' और ‘बधाई दो' जैसी फिल्मों के लिए मशहूर जंगली पिक्चर्स अपनी नई फिल्म ‘हक़' लेकर आ रहा है. इसमें यामी गौतम धरऔर इमरान हाशमी पहली बार साथ नज़र आएंगे. यह फिल्म एक मां की कहानी है जो सिस्टम और समाज के खिलाफ अपने हक़ की लड़ाई लड़ती है. फिल्म एक ऐतिहासिक सुप्रीम कोर्ट केस से प्रेरित है और दिखाती है कि कैसे हिम्मत, ज्ञान और सच्चाई से कोई भी बदलाव लाया जा सकता है. इसकी कहानी 1980 के दशक की है, लेकिन इसके मुद्दे आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं. यामी गौतम कहती हैं, “यह सिर्फ शाज़िया की नहीं, उन सभी महिलाओं की कहानी है जिन्हें हमेशा चुप रहने को कहा गया. यह किरदार निभाना मेरे लिए सम्मान की बात है.”
इमरान हाशमी, जो फिल्म में उनके पति और एक वकील की भूमिका में हैं, कहते हैं “जब मैं ऐसी स्क्रिप्ट पढ़ता हूं, तो मैं पहले उसे एक एक्टर के तौर पर देखता हूं. लेकिन इस फिल्म में पहली बार मुझे एक मुसलमान के नज़रिए से भी देखना पड़ा. जब उस ऐतिहासिक केस की बात होती है, तो पूरा देश दो हिस्सों में बंट गया था एक तरफ धर्म और व्यक्तिगत आस्था थी, और दूसरी तरफ संवैधानिक व समान अधिकार. मुझे ये देखना था कि क्या फिल्म में डायरेक्टर और राइटर का नज़रिया संतुलित और निष्पक्ष है या नहीं. उसका छोटा सा जवाब है हां, बिल्कुल. यह बहुत ही न्यूट्रल फिल्म है.”
उन्होंने आगे कहा, “जब लोग यह फिल्म देखकर बाहर आएंगे, तो मुझे नहीं पता कि उनकी राय क्या होगी, लेकिन मुझे यकीन है कि ज़्यादातर लोग इसे बेहद संतुलित पाएंगे और जो बात सबसे मज़बूती से निकलकर आती है वह यह है कि यह एक प्रो-वुमन फिल्म है. मेरी कम्युनिटी के लिए, यह फिल्म एक लिबरल मुस्लिम पॉइंट ऑफ व्यू से बनी है. मुझे लगता है यह बहुत शानदार काम है. मुसलमानों को यह फिल्म ज़रूर देखनी चाहिए, क्योंकि आप इससे एक अलग और गहराई से जुड़ पाएंगे.”
निर्देशक सुपर्ण एस वर्मा कहते हैं, “यह सिर्फ एक कोर्ट ड्रामा नहीं, बल्कि उस आवाज़ की कहानी है जिसने पूरे देश को झकझोर दिया एक महिला की हिम्मत और आत्मसम्मान की कहानी.” अमृता पांडे, CEO जंगली पिक्चर्स, कहती हैं, “हम हमेशा ऐसी कहानियां लाते हैं जो समाज को सोचने पर मजबूर करें. ‘हक़' ऐसी ही एक फिल्म है, जो सच्चाई, संवेदना और उम्मीद का संदेश देती है.” फिल्म में वर्तिका सिंह, शीबा चड्ढा, दानिश हुसैन, और असीम हत्तंगड़ी जैसे शानदार कलाकार भी हैं. यह फिल्म कई अहम सवाल उठाती है .
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‘हक़' जिग्ना वोरा की किताब ‘बानो: भारत की बेटी' से प्रेरित है और इसे निर्देशक सुपर्ण एस वर्मा ने बड़ी संवेदनशीलता से पेश किया है. फिल्म 7 नवंबर 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज़ होगी.
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