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This Article is From Oct 16, 2018

Google Doodle Lachhu Maharaj: तबला वादक लच्छू महाराज ने ठुकराया था पद्मश्री, 74वीं जयंती पर बना गूगल डूडल

Lachhu Maharaj: भारत के महान तबला वादक पंडित लच्छू महाराज (Lachhu Maharaj) पर गूगल डूडल (Google Doodle) बनाकर उन्हें 74वीं जयंती पर श्रद्धांजलि दी है. पंडित लच्छू महाराज न सिर्फ महान  तबला वादक थे बल्कि कथक डांसर में भी माहिर थे. 

Google Doodle Lachhu Maharaj: तबला वादक लच्छू महाराज ने ठुकराया था पद्मश्री, 74वीं जयंती पर बना गूगल डूडल
Google Doodle Lachhu Maharaj: लच्छू महाराज के जन्मदिन पर गूगल ने बनाया डूडल
भारत के महान तबला वादक पंडित लच्छू महाराज (Lachhu Maharaj) पर गूगल डूडल (Google Doodle) बनाकर उन्हें 74वीं जयंती पर श्रद्धांजलि दी है. पंडित लच्छू महाराज न सिर्फ महान  तबला वादक थे बल्कि कथक डांसर में भी माहिर थे.  लच्छू महाराज के 74वें जन्मदिन के मौके पर गूगल (Google Doodle) ने 'Lachhu Maharaj 74th Birthday' शीर्षक से डूडल (Doodle) बनाया है. लच्छू महाराज जितने माहिर तबला वादन में थे उतने ही कथक में थे. तभी तो बॉलीवुड में भी लच्छू महाराज के हुनर का सिक्का चलता था, और हिंदी सिनेमा में कथक को पिरोने का श्रेय भी लच्छू महाराज को ही जाता है. लच्छू महाराज (Lachhu Maharaj) 'महल', 'मुगल-ए-आजम' और 'पाकीजा' में कोरियोग्राफर रहे थे, और मीना कुमारी तथा मधुबाला जैसी सुपरस्टार को अपने इशारों पर डांस करवा चुके थे. हालांकि गूगल में Lachhu Maharaj लिखने पर लाचु महाराज आता है जो एकदम गलत है. लच्छू महाराज पद्मश्री के लिए भी नामांकित हुए लेकिन उन्होंने यह पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया था. उनका कहना था कि दर्शकों की सराहना ही उनके लिए सबसे बड़ा सम्मान है.

 
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भारत के सुप्रसिद्ध क्लासिकल डांसर और कथक कोरियोग्राफर लच्छू महाराज (Lachhu Maharaj) का जन्म 16 अक्टूबर, 1944 को हुआ था. लच्छू महाराज का परिवार संगीत से जुड़ा हुआ था. उन्होंने अपने पिता वासुदेव महाराज से तबला वादन की ट्रेनिंग ली. ट्रेनिंग के दौरान बेहद कम उम्र में उन्होंने स्टेज पर परफॉर्मेंस देना शुरू कर दिया था. 8 साल की उम्र में लच्छू महाराज (Lachhu Maharaj) ने अपना हुनर दिखाया और 'तबला के जादूगर' के नाम से मशहूर हुए. Google Doodle के जरिये लच्छू महाराज को याद किया गया है.

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पंडित लच्छू महाराज (Lachhu Maharaj) का सहयोग भारतीय सिनेमा में भी रहा है. उन्होंने कई प्रसिद्ध फिल्मों के लिए कोरियोग्राफी भी की है. 'महल (1949)', 'मुगल-ए-आजम (1960)', 'छोटी छोटी बातें (1965)' और 'पाकीजा (1972)' जैसी फिल्मों में वह जुड़े. 



साल 1957 में उन्हें 'संगीत नाटक एकेडमी अवॉर्ड' से सम्मानित किया गया, जिसे कलाकारों के प्रदर्शन के लिए उच्चतम पुरस्कार माना जाता है. लच्छू महाराज लखनऊ में स्थित उत्तर प्रदेश सरकार के कथक केंद्र के संस्थापक निदेशक भी रहे.

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गूगल ने लच्छू महाराज (Lachhu Maharaj) के जन्मदिवस के मौके पर डूडल बनाकर उन्हें याद किया है, जो साजिद सेख द्वारा तैयार किया है. इस डूडल में लच्छू महाराज की तस्वीर को गूगल के प्राथमिक रंग नीला, लाल, पीला और हरा को मिलाकर तैयार किया गया है. डूडल में लच्छू महाराज तबला बजाते नजर आ रहे हैं. उनके चेहरे पर मुस्कराहट और आंखों पर संतुष्टि साफ देखी जा सकती है.

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