
करवाचौथ का त्योहार पूरे देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है. सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जल व्रत करती हैं और फिर रात को चांद देखकर ही पूजा अर्चना करती हैं और पानी पीती हैं. इस त्योहार की अपनी एक अलग ही महिमा है और इस मौके के लिए हिंदी फिल्मों में बड़े ही मजेदार गाने भी बने हैं. फिर चाहे कभी खुशी कभी गम का बोले चूड़ियां हो या फिर डीडीएलजे का घर आजा परदेसी इस त्योहार को पर्दे पर बड़े ही रंग भरे अंदाज में दिखाया गया है. हालांकि एक फिल्म ऐसी भी थी जिसमें इस त्योहार के मौके पर फिल्म में एक बेहद दर्दभरा सीन देखने को मिलता है. ये फिल्म थी साल 1993 में आई सैनिक. इस फिल्म में अक्षय कुमार और अश्विनी भावे लीड रोल में थे. फिल्म में अक्षय एक आर्मी ऑफिसर के रोल में थे.
क्या थी फिल्म की करवा चौथ से जुड़ी कहानी?
यह फिल्म यशपाल दत्त के बेटे आर्मी ऑफिसर सूरज दत्त के बारे में है. सूरज अपनी बहन मिन्नी से मिलने वुमेंस कॉलेज जाता है, जहां उसे अलका से प्यार हो जाता है. जल्द ही उनकी शादी हो जाती है लेकिन सूरज को एक साल के मिशन पर बुलाया जाता है. सूरज के दूर होने पर एक मैसेज आता है कि मिशन के दौरान वह शहीद हो गया है. मिन्नी, अलका और यशपाल, तीनों को इस बारे में पता चलता है, लेकिन वे एक-दूसरे को नहीं बताते क्योंकि उन्हें लगता है कि यह सुनकर उन्हें गहरा सदमा पहुंचेगा.
इस बीच मिन्नी, विजय से शादी करने वाली होती है, लेकिन शादी के दिन उसका अपहरण हो जाता है. फिल्म के आखिर में सूरज की सही सलामत वापसी होती है जो उस समय जिंदा था और मिन्नी को बचाता है, और सभी आखिर में से मिल जाते हैं.
करवा चौथ का इमोशनल सीन?
फिल्म में दिखाया जाता है कि अलका सबकुछ जानते हुए भी करवाचौथ का व्रत रखती है. सूरज की बहन और पिता उसे देखकर दुखी होते हैं क्योंकि वे जानते हैं कि सूरज मर चुका है. उन्हें नहीं पता कि अलका भी ये बात जानती है. लेकिन असली सच कोई नहीं जानता कि सूरज जिंदा है. ऐसे में ये सीन दर्शकों के लिए बहुत ही इमोशनल तरीके से रचा गया था.
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