कबीर बेदी के बेटे सिद्धार्थ ने 1997 में आत्महत्या कर ली थी. हाल ही में एक्टर ने अपने बेटे की मौत पर खुल कर बातचीत की. एक्टर ने बताया कि कैसे उनकी मौत ने उन्हें 'भावनात्मक रूप से तबाह' कर दिया और यहां तक कि उन्हें कुछ हद तक अपराध बोध भी हुआ. कबीर बेटी ने बताया कि कैसे वह अपनी आत्मकथा में अपनी असफलताओं और सफलताओं के बारे में लिखना चाहते थे, जिसने उन्हें अपनी लाइफ के इस स्टेज पर ध्यान देने के लिए प्रेरित किया.
सिद्धार्थ कबीर की पहली पत्नी प्रोतिमा के बेटे थे, जो एक क्लासिकल डांसर थीं. सिद्धार्थ ने 1990 के दशक में कार्नेगी मेलन विश्वविद्यालय में पढाई की. बाद में उन्हें सिज़ोफ्रेनिया का पता चला. 1997 में 26 साल की उम्र में उनकी मौत हो गई. आज तक के एक कार्यक्रम में कबीर ने अपने बायोग्राफी 'स्टोरीज़ आई मस्ट टेल' के बारे में बात की. “मैंने किताब में जो कुछ भी लिखा है, वह मैंने दिल से लिखा है. मैंने अपनी त्रासदियों के बारे में भी विस्तार से लिखा है. किसी ने इसका विरोध नहीं किया, क्योंकि मैंने जो कुछ लिखा है वह सत्य है और वे यह जानते हैं. छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है.”
उन्होंने कहा, "मेरे जीवन में उतार-चढ़ाव आए. दिवालिया हुआ, गलतियां हुई, जिन्हें मैंने किताब में लिखा है. खराब निवेश के कारण मुझे बहुत नुकसान हुआ. यह सब तब हुआ जब मेरा बेटा सिज़ोफ्रेनिया से जूझ रहा था. मैंने अपने बेटे को आत्महत्या करने से रोकने की कोशिश की, लेकिन मैं नहीं कर सका और मुझे इस बात का अपराधबोध हुआ. उसी समय मैं वित्तीय संकटों से गुज़रा. मैं ऑडिशन के लिए जाता था और मुझे नहीं पता था कि क्या करना है. ऐसे में कई प्रोजेक्ट्स मेरे हाथ से निकल गए. मैं फिर से खड़ा हुआ और यह सब मेरी यात्रा का हिस्सा है. बता दें कि कबीर बेदी ने 1971 में फिल्म हलचल से बॉलीवुड में डेब्यू किया था.
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