लीजेंड्री सिंगर और एक्ट्रेस इला अरुण अपने भाई, एड फिल्म मेकर पीयूष पांडे के 23 अक्टूबर को निधन से बेहद सदमे में हैं. यह दिल दहला देने वाली खबर शेयर करते हुए, उन्होंने बताया कि वे पूरी तरह टूट चुकी हैं और बेजान महसूस कर रही हैं. अपने सोशल मीडिया पोस्ट में, इला अरुण ने बताया कि उनके भाई प्रसून पांडे इस क्षति के बारे में और जानकारी देंगे. अपने इंस्टाग्राम पर इला ने पीयूष के सिर पर तिलक लगाते हुए अपनी एक पुरानी तस्वीर भी शेयर की.
तस्वीर के साथ, इला अरुण ने लिखा, "बहुत ही व्यथित, हृदय विदारक और बेजान आत्मा के साथ, मैं आपको यह सूचित करने के लिए लिख रही हूं कि हमने आज सुबह अपने सबसे प्यारे और महान भाई, पीयूष पांडे को खो दिया है. आगे की जानकारी मेरे भाई प्रसून पांडे शेयर करेंगे. रेस्ट इन पीस, प्यारे भाई. आपकी बहन इला जी."
पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित और आधुनिक भारतीय विज्ञापन जगत के निर्माता माने जाने वाले पीयूष पांडे का शुक्रवार को 70 वर्ष की आयु में निधन हो गया. ओगिल्वी में कार्यकारी अध्यक्ष और मुख्य रचनात्मक अधिकारी (वर्ल्डवाइड) के रूप में कार्यरत पांडे एक संक्रमण से जूझ रहे थे, जो हाल ही में और बिगड़ गया, विज्ञापन एजेंसी ने इसकी पुष्टि की.
एक बयान में, एजेंसी ने कहा, "हमारे पूरे ओगिल्वी परिवार के लिए, यह एक अथाह क्षति है कि मैं आपको हमारे प्रिय पीयूष पांडे के निधन के बारे में लिख रहा हूं. पीयूष एक संक्रमण से जूझ रहे थे जिसने गंभीर रूप ले लिया. आज सुबह उनका निधन हो गया. मैं कल्पना भी नहीं कर सकता कि हम में से प्रत्येक इस भयानक क्षति को अपने तरीके से कैसे स्वीकार करेगा."
कई हस्तियों ने पीयूष पांडे के निधन पर शोक व्यक्त किया, फिल्म निर्माता हंसल मेहता और संगीतकार एहसान नूरानी ने उन्हें एक दूरदर्शी व्यक्ति के रूप में याद किया जिन्होंने भारतीय विज्ञापन जगत को आकार दिया. हंसल ने अपने एक्स पर लिखा: "फेविकोल का जोड़ टूट गया. विज्ञापन जगत ने आज अपना गोंद खो दिया. पीयूष पांडे, आप स्वस्थ रहें." नूरानी ने पोस्ट किया, "पीयूष पांडे की आत्मा को शांति मिले, वह व्यक्ति जिसने विज्ञापन में रचनात्मकता को नई परिभाषा दी और सबसे यादगार कैम्पेन बनाए."
मशहूर विज्ञापन पेशेवर, पीयूष पांडे ने ओगिल्वी में भारत में कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में कार्य किया. पद्मश्री और एलआईए लीजेंड पुरस्कार दोनों से सम्मानित, उन्हें भारतीय विज्ञापन को एक विशिष्ट स्वदेशी पहचान देने और उसे पश्चिमी शैलियों और विचारों के भारी प्रभाव से दूर ले जाने का श्रेय दिया जाता है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं