तारीफ पे तारीफ...तारीफ पे तारीफ...तारीफ से तारीफ...जब से ये गदर 2 रिलीज हुई....लोग भर भर के फिल्म देख रहे हैं और कर रहे हैं बस तारीफ...लेकिन आखिर ऐसा हुआ क्या जो ये फिल्म इतनी हिट हो गई...सनी देओल बॉलीवुड के नए बाहुबली हो गए और शाहरुख, सलमान, आमिर, अक्षय, वरुण, धवन, करण, अर्जुन सब पीछे रह गए हैं...ऐसा क्या जादू किया अनिल शर्मा ने कि एवरेज रिव्यू के बाद भी फिल्म छाई हुई है.
1- तारा सिंह
2001 में जब गदर आई थी तो तारा सिंह और सकीना की कहानी ने लोगों को खूब एंटरटेन किया था. रोमांस, कॉमेडी और एक्शन के साथ ये फिल्म फैमिली एंटरटेनर थी...इसके सारे कैरेक्टर्स आज भी उतने ही नए थे...खासतौर पर तारा सिंह...अब जब 22 साल बाद सनी देओल तारा सिंह बनकर कमबैक कर रहे थे तो उन्होंने फिल्म को प्रमोट करने का एक मौका नहीं छोड़ा...लोग भी इस कैरेक्टर से जुड़ गए और जो 2001 में पैदा भी नहीं हुए थे वो भी गदर-2 देखने थियेटर पहुंचे.
2- रिलीज की टाइमिंग
फिल्म देशभक्ति के माहौल के बीच रिलीज हुई...ऊपर से लॉन्ग वीकएंड. इसके अलावा OMG-2 ने भी काफी साथ दे दिया. OMG-2 को A रेटिंग मिली थी. ऐसे में लोगों ने फुल फैमिली के साथ इंजॉय करने के लिए गदर-2 को चुना. बच्चे बड़े सब सनी देओल के कटआउट के साथ पोज देते और नारे लगाते दिखे. फिल्म को लेकर ऐसा क्रेज शुरू हुआ है कि फिल्म आज तक हाउसफुल जा है.
3- पाकिस्तान वाला एंगल
चाहे क्रिकेट की पिच हो या सिल्वर स्क्रीन जहां भी भारत का मुकाबला पाकिस्तान से होता है वहां इंडियन जनता थोड़ा ज्यादा इमोशनल हो जाती है. अब अगला तारा सिंह अपने बेटे को छुड़वाने के लिए पाकिस्तान पहुंच जाए और पब्लिक थियेटर तक ना पहुंचे ऐसा कैसे हो सकता था.
4- सनी पाजी का एक्शन
सनी देओल स्क्रीन पर तो थे...यमला पगला दिवाना, पोस्टर बॉयज, मोहल्ला अस्सी, ब्लैंक, चुप जैसी फिल्में आईं लेकिन फैन्स देसी जट्ट सनी देओल के OG एक्शन को मिस कर रहे थे...और इसके लिए गदर-2 से बेहतर ऑप्शन और क्या हो सकता था...वैसे सच कहूं तो अगर गदर-2 से सनी देओल को हटा दिए जाता तो उसमें केवल 2 ही बचता.
5- नॉस्टैल्जिया और इमोशन की सुनामी
इस मामले में तो गदर-2 को फुल नंबर मिलते हैं. ये फिल्म फुल नॉस्टैल्जिक फील देती है. फिल्म में कई जगह पर पुरानी गदर के सीन दिखाए जाते हैं...इनसे ना केवल उन कैरेक्टर्स की याद ताजा होती है बल्किन आप भी मेमोरी लेन में पहुंच जाते हैं. क्योंकि हर फिल्म से कोई ना कोई कहानी तो जुड़ी ही होती है. ये फिल्म आपको एक रोलर-कोस्टर राइड पर ले जाती है. देश के मल्टी कल्चर कलर को सेलिब्रेट करती है. फिल्म देखते हुए लोग सनी देओल के एक एक डायलॉग पर तालियां बजा रहे हैं...थिटेयर में एक सेलिब्रेशन का माहौल दिख रहा है जिसे कोई मिस नहीं करना चाहता.
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