
एक समय था जब संजय लीला भंसाली और इस्माइल दरबार की जोड़ी को शानदार माना जाता था. संजय लीला भंसाली के डायरेक्शन में जब भी इस्माइल दरबार का म्यूजिक बजता था तो फिल्म में इसका जादुई असर होता था. फिर चाहे वो ‘हम दिल दे चुके सनम' हो या फिर ‘देवदास.' जब भी अपनी कला के माहिर ये दो उस्ताद साथ आए तो छा गए. लेकिन फिर ऐसा कुछ हुआ कि दोनों की राहें जुदा हो गईं. म्यूजिक डायरेक्टर इस्माइल दरबार ने विक्की लालवानी के यूट्यूब चैनल पर इंटरव्यू के दौरान संजय लीला भंसाली को अहंकारी बताया और कहा कि अगर उन्हें 100 करोड़ रुपये ऑफर हों तो भी उनके साथ काम नहीं करेंगे.
कैसे बिगड़े दरबार-भंसाली के रिश्ते
संजय लीला भंसाली और इस्माइल दरबार के बीच रिश्ते तब बिगड़े जब एक मीडिया रिपोर्ट में ‘हीरामंडी: द डायमंड बाजार' के म्यूजिक को शो का सबसे मजबूत हिस्सा बताया गया और इसका श्रेय इस्माइल दरबार को दिया गया. अब हुआ यूं कि संजय लीला भंसाली को लगा कि यह खबर दरबार ने ही फैलाई थी, जिसके बाद उनके बीच तनाव बढ़ गया.
इस्माइल दरबार ने बताया, 'मैंने भंसाली से कहा कि अगर मैं कुछ कहना चाहता, तो डरता नहीं और खुलकर बोलता. लेकिन मुझे उस खबर के बारे में कुछ नहीं पता था.' इसके बाद संजय लीला भंसाली ने उन्हें अपने ऑफिस बुलाकर सवाल किया, जिसके बाद दरबार को लगा कि भंसाली उन्हें अपमानित करने की कोशिश कर रहे हैं. दरबार ने कहा, 'मैंने खुद हीरामंडी छोड़ दी, क्योंकि मैं समझ गया था कि वह मुझे बाहर करने की योजना बना रहे हैं.'
इस्माइल दरबार ने क्या कहा?
इस्माइल दरबार ने यह भी खुलासा किया कि वह 'गुजारिश' में भंसाली के साथ काम करने वाले थे, लेकिन ‘हम दिल दे चुके सनम' और ‘देवदास' के दौरान हुए मतभेदों ने उनके रिश्ते को और खराब कर दिया. उन्होंने दावा किया कि भंसाली ने अपनी पीआर टीम को उनके साक्षात्कार न लेने का निर्देश भी दिया था. इस्माइल दरबार ने कहा, 'अगर भंसाली मुझे 100 करोड़ रुपये देकर भी अपनी फिल्म के लिए संगीत देने को कहें, तो मैं कहूंगा, 'पहली फुरसत में यहां से चले जाओ.'
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