1980 के दशक का दौर बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन के नाम रहा है. अमिताभ बच्चन की वजह से सिनेमाघरों के बाहर लम्बी कतारें लगने लगी थीं और एंग्री यंगमैन अवतार ने फैन्स को उनका दीवाना बना दिया था. शायद बॉलीवुड में वही एकमात्र ऐसे सुपरस्टार होंगे, जिन पर कॉमिक कैरेक्टर भी बन चुका है. बिल्कुल सही सुना आपने. मूवी मैग्जीन के संपादक पम्मी बख्शी ने सुप्रीमो नाम का किरदार गढ़ा था, जो अमिताभ बच्चन से प्रेरित था. इस कॉमिक बुक को इंडिया बुक हाउश ने स्टार कॉमिक्स के तहत छापा था.
पम्मी बख्शी इस कॉमिक्स के एडिटर और लेखक थे जबकि स्क्रिप्ट कंसल्टेंट गुलजार थे जबकि अमर चित्रकथा के मशहूर इल्सट्रेटर प्रताप मल्लिक इसके आर्ट डायरेक्टर थे. हालांकि इस सीरीज की कुछ शुरुआती कॉमिक्स में स्क्रिप्ट का क्रेडिट गुलजार को भी दिया गया है. इसके साथ ही इसका बैककवर भी काफी मजेदार था. जिस पर आखिरी में अमिताभ बच्चन का संदेश बच्चों के लिए लिखा होता था. यह था: प्यारे बच्चों! आप और मैं आज से अपने बीच एक राज रखने वाले हैं- किसी से ये मत कहना कि मैं सुप्रीमो हूं.
सुप्रीमो की कुछ पॉपुलर कॉमिक्स में विलुप्त नगरी, जादू का फर्श, दस्यु रानी का आत्मसमर्पण, हाईजैक और बच्चों का व्यापार जैसे टाइटल शामिल थे. सुप्रीमो का स्किन टाइट सूट होता था जबकि वह चश्मा लगाकर रखता था. उसके गले में चक्र वाला रॉकेट हुआ करता था. उसको मूंगफली और म्यूजिक बेहद पसंद थे.
सुप्रीमो की एक दोस्त डॉल्फिन मछली सोनाली भी थी जो उनकी कई मौकों पर मदद करती है. यही नहीं बाज शाहीन भी उनकी मदद किया करता था. इस तरह अमिताभ बच्चन के बतौर सुपरहीरो एडवेंचर काफी मजेदार हुआ करते थे.
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