Atal Bihari Vajpayee: लता मंगेशकर और जगजीत सिंह ने गाई थीं अटल बिहारी वाजपेयी की कविताएं
नई दिल्ली:
पूर्व प्रधानमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अटल बिहारी वाजपेयी देश के उन नेताओं में से हैं जो बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं. अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) अपने ओजस्वी भाषणो के लिए वह दुनिया भर में खास पहचान रखते हैं. संयुक्त राष्ट्र में उन्होंने ऐसा भाषण दिया जिसे आज भी याद किया जाता है. यही नहीं, अटल बिहारी वाजपेयी अपनी पार्टी के अलावा विपक्ष के भी चहेते रहे हैं और उनकी कविताएं तो कमाल की रही हैं. अटल बिहारी वाजपेयी की वाणी में जितना जादू है, उनका कलम भी उतनी ही तीखी है. अटल बिहारी वाजपेयी ने करुण रस से लेकर वीर रस तक की कविताओं की रचना की हैं.
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मध्य प्रदेश के ग्वालियर में 25 दिसंबर, 1924 को जन्म अटल बिहारी वाजपेयी की कविताओं की किताबें खूब पॉपुलर रही हैं, और उनकी कविताओं को कई मंचों पर गाया भी जाता रहा है. अटल बिहारी वाजपेयी की किताबों में 'न दैन्यं न पलायनम्', 'मृत्यु और हत्या' और 'अमर बलिदान' प्रमुख हैं, और उनकी कविताओं को युवाओं में खूब पढ़ा जाता है. उनकी किताबें युवाओं के बीच काफी पॉपुलर हैं.
बॉलीवुड के दिग्गज सिंगल लता मंगेशकर और जगजीत सिंह ने अटल बिहारी वाजपेयी की कविताओं को अपने सुरों में पिरोया है. सुर कोकिला लता मंगेशकर ने 'आओ मन की गाठें खोलें' कविता को सुरबद्ध किया है, और उनकी आवाज और अटल बिहारी वाजपेयी के शब्दों का जादू वाकई कमाल है.
इस तरह से गजल सम्राट जगजीत सिंह ने उनकी कविता 'दूर कहीं रोता है' को इस अंदाज में गाया कि इसे बार-बार सुनने को मन करता है. यही नहीं, अटल बिहारी वाजपेयी ने कई मौकों पर अपनी कविताओं को खुद ही स्वरबद्ध किया है. उनकी वाणी का ओज इन कविताओं में सुनाई देता है.
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इस तरह से गजल सम्राट जगजीत सिंह ने उनकी कविता 'दूर कहीं रोता है' को इस अंदाज में गाया कि इसे बार-बार सुनने को मन करता है. यही नहीं, अटल बिहारी वाजपेयी ने कई मौकों पर अपनी कविताओं को खुद ही स्वरबद्ध किया है. उनकी वाणी का ओज इन कविताओं में सुनाई देता है.
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