नागरिकता संशोधन अधिनियम (Citizenship Amendment Act 2019) के चलते देश के कई हिस्सों में हिंसा की घटनाएं सामने आ रही हैं और ऐसे में बॉलीवुड अभिनेता इनामुलहक (Inaamulhaq) को लगता है कि विकास, अर्थिक विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं जैसे असल मुद्दों से ध्यान भटकाने का नेताओं का यह तरीका है. अभिनेता की नई फिल्म 'नक्काश' धार्मिक अतिवाद के विषय को उजागर करने के साथ यह बताती है कि कैसे यह मानवता को बर्बाद कर रही है. यह लिफ्ट इंडिया फिल्मोत्सव-2019 की शुरुआती फिल्म रही. यह आयोजन 12 दिसंबर से शुरू हुआ है और 16 दिसंबर को समाप्त होगा.
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इनामुलहक (Inaamulhaq) ने कहा, "यह सच्चाई है कि वर्तमान में अतिवाद एक वैश्विक घटना है और हमारे देश में भी इसमें कोई फर्क नहीं है. हम कानून नहीं बनाते हैं लेकिन हम अपनी राय को फिल्मों और कहानियों के माध्यम से गुस्से के रूप में दिखा सकते हैं." उन्होंने कहा, "ऐसा करने से लोगों के दृष्टिकोण में बदलाव लाया जा सकता है और जब भी वह अपने नेताओं को चुनें तो इसका ध्यान रखें. जाहिर है, हम इसका हिस्सा हैं. इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि सामाजिक-राजनीतिक परिवर्तन के चलते हमारा देश इस समय मुश्किल दौर से गुजर रहा है."
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इनामुलहक (Inaamulhaq) ने कहा, "रणनीति (राजनेताओं द्वारा) के तहत किया गया ध्रुवीकरण भारत के मूल विचार को प्रभावित कर रहा है और ऐसा इसलिए है ताकि अर्थिक विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं जैसे असल मुद्दों से लोगों को ध्यान हटाया जा सके." विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोहों की यात्रा के बाद फिल्म 'नक्काश' सिनेमाघरों में 31 मई को रिलीज हुई थी. फिल्म के निर्देशक जीगम इमाम का मानना है कि लिफ्ट इंडिया फिल्मोत्सव-2019 एक महत्वपूर्ण मंच है, क्योंकि देशभर के कई युवा इसमें शामिल होते हैं.
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