
बॉलीवुड एक्टर अभिषेक बच्चन और ऐश्वर्या राय ने कथित तौर पर एआई-जनरेटेड डीपफेक वीडियो को लेकर यूट्यूब और गूगल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की है. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक वे गूगल और दूसरी कंपनियों से 450,000 डॉलर (करीब ₹4 करोड़) के हर्जाने की मांग कर रहे हैं. साथ ही इस तरह के शोषण को रोकने के लिए पर्मानेंट सॉल्यूशन की भी मांग कर रहे हैं. मुकदमों में सैकड़ों लिंक और स्क्रीनशॉट शामिल हैं, जिनके बारे में ऐश्वर्या और अभिषेक बच्चन का आरोप है कि यूट्यूब वीडियो "यौन रूप से स्पष्ट" या "काल्पनिक" एआई कंटेंट दिखा रहे हैं. रॉयटर्स के मुताबिक इनका तर्क है कि यूट्यूब की कंटेंट और थर्ड पार्टी ट्रेनिंग पॉलिसीज चिंताजनक हैं.
उन्होंने आगे कहा कि यह यूजर्स को राइवलरी एआई मॉडलों को ट्रेनिंग करने के लिए उनके द्वारा बनाए गए वीडियो को शेयर करने की सहमति देता है, जिससे ऑनलाइन भ्रामक कंटेंट के और अधिक प्रसार का खतरा है, जैसा कि अभिषेक और ऐश्वर्या द्वारा 6 सितंबर को दायर लगभग समान दस्तावेजों में बताया गया है, जो रॉयटर्स के अनुसार सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं हैं.
दस्तावेजों में कहा गया है, "पहले यूट्यूब पर अपलोड की जा रही सामग्री जिसे जनता द्वारा देखा जा रहा हो और फिर प्रशिक्षण के लिए भी इस्तेमाल किया जा रहा हो. गलत है."
अभिषेक और ऐश्वर्या ने अपने दस्तावेजों में तर्क दिया है कि अगर एआई प्लेटफॉर्म्स को पक्षपातपूर्ण सामग्री पर प्रशिक्षित किया जाता है जो उन्हें नकारात्मक रूप से पेश करती है और उनके बौद्धिक संपदा अधिकारों का उल्लंघन करती है, तो एआई मॉडल "ऐसी सभी झूठी" जानकारी सीख सकते हैं, जिससे इसका और अधिक प्रसार हो सकता है. दिल्ली उच्च न्यायालय ने पिछले महीने गूगल के वकील से 15 जनवरी को होने वाली अगली सुनवाई से पहले लिखित जवाब देने को कहा था.
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