बिहार में एक्सप्रेस-वे का सपना केंद्र ने किया पूरा, फिर भी श्रेय लेने की होड़ मची

पहली बार बिहार में किसी एक्सप्रेस-वे का निर्माण होगा, उत्तर-पूर्व बिहार के लोगों के जीवन पर होगा काफी सकारात्मक असर

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प्रतीकात्मक तस्वीर.
पटना:

केंद्रीय बजट (Union Budget) में इस बार बिहार (Bihar) को परियोजनाओं का तोहफा मिला है. सर्वाधिक राशि परियोजना पथ निर्माण विभाग को मिली है. इन परियोजनाओं का महत्व इस बात से समझा जा सकता है कि पहली बार बिहार में कोई एक्सप्रेस-वे (Expressway) का निर्माण संभव हो पाएगा. इन एक्सप्रेस-वे के निर्माण को लेकर श्रेय लेने की होड़ मची है. 

विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल का दावा है कि यह परियोजना शुरू करने का फैसला तब लिया गया था जब तेजस्वी यादव पथ निर्माण मंत्री थे. तेजस्वी यादव ने तब केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात करके इसे शुरू कराने का निर्णय लिया था. एक परियोजना पटना पूर्णिया की है जिसकी डीपीआर भी तैयार है. 

बिहार वासियों की आंखों में धूल झोंकी जा रही : तेजस्वी

तेजस्वी यादव ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा है - ''हमारे कार्यकाल में स्वीकृत, प्रस्तावित, आवंटित, निर्धारित एवं क्रियाशील पुराने प्रॉजेक्ट्स तथा सड़क व पुल निर्माण, पर्यटन, उद्योग व एयरपोर्ट संचालन संबंधित योजनाओं की रीपैकेजिंग कर आज बजट में उसे विशेष पैकेज और विशेष सौगात का नाम देकर बिहार वासियों की आंखों में धूल झोंकी जा रही है.''

    
हालांकि बिहार में चाहे सत्ता पक्ष हो या विपक्ष, सब इस बात पर सहमत हैं कि इन परियोजनाओं के पूरा हो जाने पर राज्य में, खासकर उत्तर पूर्व भाग के लोगों के जीवन पर काफी सकारात्मक असर होगा. 

ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट में बनेंगे नए हाईवे

सबसे बड़ी बात है कि राजमार्ग निर्माण से संबंधित दो प्रोजेक्ट पटना - पूर्णिया और बक्सर - भागलपुर ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट होंगे. इसका मतलब इन जगहों को जोड़ने के लिए वर्तमान में जो हाईवे हैं उनसे अलग हाईवे होंगे. जैसे पटना से पूर्णिया जाने के लिए वर्तमान में दो प्रमुख रास्ते हैं एक पुराना राजमार्ग जो वर्तमान में पटना से मोकामा, बेगूसराय, खगड़िया होकर पूर्णिया जाता है और दूसरा पटना से मुजफ्फरपुर से ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर से दरभंगा, मधुबनी जिला, सुपौल जिला, अरिरया होते हुए पूर्णिया जाता है.

नए एक्सप्रेस-वे के डीपीआर के अनुसार अब पटना के रिंग रोड से वैशाली के बिदूपुर होते हुए समस्तीपुर, सहरसा, मधेपुरा जिले से गुजरकर पूर्णिया तक की दूरी मात्र 200 किलोमीटर हो जाएगी जबकि वर्तमान में यह 300 किलोमीटर की दूरी है. समय भी चार घंटे से अधिक नहीं लगेगा. 

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गंगा पथ का विस्तार संभव

बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेस-वे का नया रास्ता कहां से होगा, यह तय नहीं है क्योंकि बजट में घोषणा के बाद इसका डीपीआर बनाया जाएगा. पटना में जो गंगा पथ बना है, जिसे मरीन ड्राइव के नाम से जाना जाता है वह वर्तमान में दीघा से दीदारगंज तक है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की दिली इच्छा रही है कि उसे मोकामा तक ले जाया जाए और दीघा से कोइलवर तक इसका विस्तार हो. तो इसी गंगा पथ का विस्तार एक तरफ बक्सर और दूसरी तरफ भागलपुर तक किया जा सकता है. 

वर्तमान में बक्सर से पटना तक के रास्ते में कोइलवर तक चार लेन का हाईवे है. फिर पटना से मोकामा और वहां से मुंगेर सुल्तानगंज के रास्ते या खगड़िया, नौगछीया से विक्रमशिला सेतु के रास्ते भागलपुर जाया जा सकता है.

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