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शुक्र का कुंडली के तीसरे भाव में प्रभाव कैसा होता है और व्यक्ति पर क्या असर पड़ता है, जानें यहां

कुंडली के तीसरे भाव में शुक्र के प्रभाव से व्यक्ति की कला और साहित्य के क्षेत्र में रुचि देखने को मिलती है. ऐसे लोगों का करियर शिक्षा या ज्ञान से संबंधित अन्य क्षेत्रों में हो सकता है.

Edited by Updated : June 04, 2024 8:14 AM IST
शुक्र का कुंडली के तीसरे भाव में प्रभाव कैसा होता है और व्यक्ति पर क्या असर पड़ता है, जानें यहां
शुक्र को शुभ ग्रह माना जाता है.
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Astrology: कुंडली के हर भाव में किसी न किसी ग्रह का प्रभाव होता है. ये ग्रह व्यक्ति के जीवन पर अपना पूरा प्रभाव डालते हैं. यहां हम बात करेंगे कुंडली के तीसरे भाव में शुक्र (Venus) के प्रभाव की. तीसरे भाव में शुक्र व्यक्ति को व्यवहारिक और विनम्र बनाने के साथ ही कूटनीतिक भी बनाता है. शुक्र को शुभ ग्रह माना जाता है. ऐसे में शुभ होने की स्थिति में शुक्र का जीवन पर बेहतर प्रभाव देखने को मिलता है.

शुक्र के सकारात्मक प्रभाव

तीसरे भाव में शुक्र के प्रभाव से व्यक्ति दूसरों की तारीफ करने को लेकर काफी उदार होते हैं. वे विवादों को निपटाने में भी सक्षम होते हैं. ऐसे लोगों की बातचीत की शैली काफी विनम्र होती है. इन्हें नई-नई जगहों की यात्रा करना पसंद होता है. इन्हें सुंदर वस्तुओं और आभूषण का भी शौक होता है.

शुक्र के नकारात्मक प्रभाव

तीसरे स्थान में शुक्र के नकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिलते हैं. व्यक्ति को कुछ मानसिक तनाव भी हो सकता है. शुक्र के प्रभाव वाला व्यक्ति केवल उन्हीं के साथ विनम्रता का प्रदर्शन करते हैं जिनसे उन्हें लाभ मिलने की संभावना हो सकती है. कई बार ये मानसिक उत्तेजना का शिकार हो सकते हैं.

वैवाहिक जीवन होता है सौहार्द्रपूर्ण

तीसरे भाव में शुक्र का प्रभाव व्यक्ति के वैवाहिक जीवन पर भी देखने को मिलता है. इनका वैवाहिक जीवन जीवन काफी सौहार्द्रपूर्ण होता है. रिश्तों में किसी भी तरह के टकराव और मनमुटाव से बचने का भी ये हर संभव प्रयास करते हैं. हालांकि, कई बार इन्हें वैवाहिक जीवन में परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है.

कला और साहित्य में होता है इंट्रेस्ट

कुंडली के तीसरे भाव में शुक्र के प्रभाव से व्यक्ति की कला और साहित्य के क्षेत्र में रुचि देखने को मिलती है. ऐसे लोगों का करियर शिक्षा या ज्ञान से संबंधित अन्य क्षेत्रों में हो सकता है. इनका इंट्रेस्ट वाद-विवाद, मीडिया आदि में भी होता है. ये काफी रचनात्मक भी होते हैं और इनमें नई-नई चीजें सीखने की भी इच्छा होती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)