मित्रता अनुकूलता

मार्च 21-अप्रैल 19

मेष मित्र

मेष राशि के जातकों की मित्रता बहुत कम अवधि की होती है, क्योंकि इन्हे हमेशा जिन्दगी में कुछ नयापन चाहिए होता है। नियमितता की कमी और परिवर्तन की इच्छा की वजह से इन्हे जिन्दगी भर मित्रता निभाने में कठिनाई आती है। परन्तु यदि मित्र बहुत अच्छा है और मेष राशि वाले के साथ ताल-मेल रख पा रहा है, तो यह मित्रता हमेशा के लिए चल सकती है। ये हमेशा नई मित्रता के लिए तैयार रहते हैं। यह राशि थोड़ी सी स्वार्थी होती है। इनकी दोस्ती सदा प्रसन्नतादायक और उत्साहवर्धक होती हैं।


मेष तथा मेष

मेष राशिवाले दोनों पार्टनर के बीच वैसे तो अच्छा मेल-मिलाप रहेगा, परंतु उन्हें अपने अहं और आक्रामक स्वभाव को अंकुश में रखने की जरूरत है। दोनों लोग शक्ति और ऊर्जा से भरपूर रहेंगे, इसके बावजूद एक-दूसरे से उनकी अपेक्षाएं अधिक होंगी। अतः गणेशजी उन्हें सावधान रहने की सलाह देते हैं।


मेष तथा वृषभ

गणेशजी की दृष्टि से चर और स्थिर राशि की यह युति लंबे समय की मित्रता के लिए उतनी अच्छी नहीं है, क्योंकि यह संबंध ऐसा है, जिसमें दोनों व्यक्तियों को आपसी संबंधों में बहुत-सी उलझनों का सामना करना पड़ेगा। इनमें से एक व्यक्ति साथ में बाहर जाने के लिए खूब उत्साही होगा और दूसरा मंद तथा निरुत्साही होगा।


मेष तथा मिथुन

मिथुन राशि वाले मित्रों के बीच मध्यम मेलमिलाप रहेगा। यदि दोनों ओर से समाधानकारी व्यवहार अपनाया जाए, तो अच्छी जोड़ी जमेगी।


मेष तथा कर्क

गणेशजी की दृष्टि से मेष और कर्क राशि के लोगों के बीच मित्रता न तो सलाह योग्य है और न ही दीर्घकालीन। दोनों के बीच के संबंधों में तनाव रहता है और उसका दुःखद अंत आता है।


मेष तथा सिंह

इन दो राशियों के लोगों के बीच अच्छा मेल-मिलाप रहेगा। दोनों एक-दूसरे की भावनाओं को अच्छी तरह समझ सकते हैं और मुसीबत के समय में एक-दूसरे का साथ देने का प्रयास करेंगे। अतः गणेशजी पॉजिटीव गुणों के साथ मित्रता को आगे बढ़ाने की सलाह देते हैं।


मेष तथा कन्या

गणेशजी को यह युति बहुत अच्छी नहीं लगती। दोनों लोगों में मामूली बातों को लेकर मतभेद होता रहेगा। इसलिए इन संबंधों को आगे बढ़ने से रोकना ही श्रेष्ठ उपाय है।


मेष तथा तुला

बहुत से मामलों में विरोधाभासी वृत्ति है, परंतु ये दोनों राशिवाले लोग एक-दूसरे के उन गुणों से आकर्षित होते हैं, जिनका उनमें अभाव हो। यदि दोनों समान उद्देश्यवाले हों तो उनकी मित्रता लंबे समय तक टिकेगी, ऐसा गणेशजी को लगता है।


मेष तथा वृश्चिक

इन राशि वाले लोगों के बीच कभी-कभी झगड़े होंगे, परंतु वे एक-दूसरे की भावनाओं से परस्पर खींचे हुए रहते हैं। एक साथ बाहर जाने पर वे खूब मस्ती करेंगे, लेकिन यदि आवेश में आएं तो उनके संबंध खतरे में भी पड़ सकते हैं। अतः गणेशजी की सलाह है कि उन्हें मित्रता में आगे नहीं बढ़ना चाहिए। (संबंधों में आत्मीयता तो होगी, परंतु समझदारी का अभाव होगा। )


मेष तथा धनु

दोनों मित्र काफी सक्रिय, शक्ति और उत्साह से भरपूर होते हैं। दोनों एक-दूसरे की संगत में आनंद का अनुभव करते हैं। बौद्धिक चर्चाएं करते हैं और एक-दूसरे को प्रोत्साहित करते हैं। गणेशजी मानते हैं कि वे बहुत अच्छी मित्रता निभा सकते हैं।


मेष तथा मकर

यदि आप दोनों मित्र परस्पर प्रगाढ़ प्रेम करते हों, तो भी संबंधों में भावनात्मक उतार- चढ़ाव आने की संभावना रहती है। भावनात्मक उतार- चढ़ाव के कारण दोनों के बीच भावनात्मक संघर्ष और गलतफहमी पैदा होती रहेगी। इस कारण गणेशजी की दृष्टि से यह दोस्ती हितकर नहीं है।


मेष तथा कुंभ

गणेशजी को ऐसा लगता है कि मित्र के रूप में दोनों एक-दूसरे के साथ अच्छी तरह मित्रता निभा सकते हैं। दोनों का विचार और व्यवहार समान हो सकता है, फिर भी सामंजस्यहीन व्यवहार के कारण मित्रता ज्यादा नहीं टिक सकती।


मेष तथा मीन

दोनों के बीच सौहार्द्रपूर्ण संबंध होंगे, परंतु उनमें अधिक गहराई नहीं होती। बारंबार लड़ाई-झगड़े और मतभेद होने की संभावना रहती है। गणेशजी दोनों को झगड़े से दूर रहने की सलाह देते हैं।

उपरोक्त स्पोंसर्ड कंटेंट गैर-संपादकीय है और थर्ड पार्टी द्वारा उपलब्ध करवाया गया है. एनडीटीवी उपरोक्त किसी भी सामग्री की गारंटी, पुष्टि या समर्थन नहीं करता है, और न ही इसके लिए किसी भी तरह से जिम्मेदार है.