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पूजा में किस तरह का दीया लें और कैसे करें दीये की देखरेख, जानिए यहां

Diya In Puja: कोई भी धार्मिक अनुष्ठान या पूजा-पाठ बगैर दीया जलाए पूर्ण नहीं होता है. पूजा में दीया जलाने को लेकर कुछ नियम हैं जिन्हें जानना जरूरी है.

Edited by Updated : December 19, 2023 6:31 AM IST
पूजा में किस तरह का दीया लें और कैसे करें दीये की देखरेख, जानिए यहां
Diya Rules: दीये जलाने की विशेष धार्मिक मान्यता होती है. 
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Puja Rules: सनातन घरों में नियमित पूजा पाठ किया जाता है. पूजा के समय दीपक (Diya) जलाने की परंपरा है. लोग भगवान के सामने नतमस्तक होकर श्रद्धा से दीया जलाते हैं. कोई भी धार्मिक अनुष्ठान या पूजा-पाठ बगैर दीया जलाए पूर्ण नहीं होता है. कई घरों में नियमित रूप से पूजा के समय नया दीया जलाया जाता है तो कुछ लोग दीये को धोकर फिर से जलाते हैं. लेकिन, दीया जलाने से जुड़ी ऐसी बहुत सी बातें हैं जिन्हें ध्यान में रखा जरूरी होता है. यहां जानिए दीये को लेकर क्या हैं पूजा के नियम. 

पूजा के दीपक के नियम | Puja Diya Niyam

मिट्‌टी की दीये

जो लोग पूजा में मिट्टी के बने दीये जलाते हैं उन्हें इन दीयों को फिर से उपयोग में नहीं लाना चाहिए. मिट्‌टी के दीये (Earthen Lamp) जलाए जाने के बाद काले पड़ जाते हैं और उन्हें दुबारा जलाना पवित्र नहीं माना जाता है.

तांबे या पीतल के दीये

जो लोग पूजा में तांबे या पीतल का दीया जलाते हैं वे उन्हें धोकर फिर से पूजा के समय जला सकते हैं. धातुओं को पवित्र माना जाता है इसलिए उन्हें दोबारा उपयोग में लाया जा सकता है.

नया दीया

पूजा में मिट्‌टी के दीये जलाने वालों को पूजा के लिए हर दिन नए दीये का उपयोग करना चाहिए. मिट्‌टी के कोरे दीये ही पवित्र माने जाते हैं.

दीयों की सफाई

पूजा के तांबे, पीतल या चांदी जैसी धातु के दीये की नियमित साफ-सफाई करनी चाहिए. उन्हें अच्छी तरह साफ कर गंगाजल से पवित्र कर पूजा में दोबारा उपयोग में लाना चाहिए.

खंडित दीया ना जलाएं

पूजा में कभी भी खंडित दीये का उपयोग नहीं करना चाहिए. टूटे हुए दीपक (Broken Diya) का इस्तेमाल करने से घर में नकारात्मकता आती है. चाहे दीया मिट्टी का हो या धातु का टूटे दीये पूजा में उपयोग के लायक नहीं होते हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)