Astrology: कुंडली के हर भाव में ग्रह अलग-अलग फल देते हैं. किस भाव में कौन सा ग्रह स्थित है, वह किस स्थिति में है, इसका प्रभाव परिणाम पर भी पड़ता है. यहां हम बात करेंगे कुंडली के तीसरे भाव में बुध के प्रभाव की. कुंडली के तीसरे भाव में बुध व्यक्ति को बेहतर परिणाम देते हैं. बुध के प्रभाव से व्यक्ति को एक ही समय में कई काम करने की क्षमता प्राप्त होती है. इतना ही नहीं, व्यक्ति चीजों को भी जल्दी समझने में सक्षम होता है.
बुध के सकारात्मक प्रभाव
कुंडली के तीसरे भाव में बुध से व्यक्ति की विचारधारा, लेखनी, विचार, संचार माध्यम के साथ ही कई बातों की जानकारी मिलती है. तीसरे भाव में अगर बुध हों तो व्यक्ति की पढ़ाई और व्यवसाय को लेकर छोटी-छोटी यात्राएं हो सकती हैं. भाई-बहनों के साथ भी इनका गहरा कनेक्शन होता है. ये अपने कार्यों को सावधानीपूर्वक करते हैं. इतना ही नहीं अपने कार्यों को लेकर काफी मेहनत भी करते हैं. काम के बीच थकान को दूर करने के लिए इन्हें आराम की भी जरूरत होती है.
बुध के नकारात्मक प्रभाव
बुध के प्रभाव से विभिन्न क्षेत्रों में इनका इंट्रेस्ट देखने को मिलता है. जिज्ञासु प्रवृत्ति का होने के कारण ये एक साथ कई चीजें सीखना चाहते हैं. इस कारण कई बार इन्हें परेशानी होती है और कई बार महत्वपूर्ण चीजों से चूक जाते हैं. ऐसे में थोड़ी सावधानी बरतने और ध्यान रखने की जरूरत है.
दांपत्य जीवन होता है सुखमय
बुध के तीसरे भाव में होने पर व्यक्ति की पढ़ाई में इंट्रेस्ट होता है. इस भाव में बुध के प्रभाव से व्यक्ति का दांपत्य जीवन सुखमय होता है. इनका परिवार भी काफी बड़ा होता है. ये धार्मिक प्रवृत्ति वाले होते हैं, साथ ही स्वभाव से भी काफी विनम्र होते हैं. इनके दोस्तों की संख्या भी ज्यादा होती है.
संवाद क्षमता होती बेहतर
कुंडली के तीसरे भाव में बुध के प्रभाव से व्यक्ति बातचीत में माहिर होता है. उसकी प्रवृत्ति सहयोगात्मक होती है. बौद्धिक स्तर ऊंचा होता है और वह धार्मिक प्रवृत्ति का भी होता है. तीसरे घर में बुध कौशल, संवाद करने की क्षमता, चाहे वह लेखन के जरिए हो, पब्लिक स्पीकिंग से हो या फिर किसी दूसरे माध्यम से हो, उसका प्रतिनिधित्व करता है. बुध के प्रभाव से छोटी दूरी की यात्राएं भी हो सकती हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)