Astrology: कुंडली का सातवां भाव भी अन्य भाव की तरह काफी महत्वपूर्ण होता है. यह भाव आपके व्यक्तित्व के पहलुओं के बारे में बताता है. इस भाव को साझेदारी, खासकर विवाह का घर भी माना जाता है. इसके अलावा इस भाव में विभिन्न ग्रहों की स्थिति का आप पर अलग-अलग प्रभाव देखने को मिलता है. कुछ ग्रहों के इस भाव में होने के विपरीत परिणाम भी देखने को मिलते हैं. बुध, चंद्रमा, गुरु और शुक्र को शुभ ग्रहों की श्रेणी में रखा गया है. हालांकि, विभिन्न भाव में अशुभ माने जाने वाले ग्रह भी कई बार शुभ फल देते हैं. ऐसे में अगर आपकी कुंडली के सातवें भाव में शुभ ग्रह हों तो आपके जीवन पर इसका क्या प्रभाव हो सकता है, आइए जानते हैं.
विवाह का भाव होता है सातवां घर
कालपुरुष की कुंडली में सातवें भाव के स्वामी ग्रह शुक्र और राशि तुला है. इस भाव से व्यापार से जुड़ी गतिविधियां, बातचीत के साथ ही अन्य पहलुओं का भी पता चलता है. इस भाव को विवाह का भाव माना जाता है. अगर इस भाव में शुभ ग्रह हों तो विवाह में कोई परेशानी नहीं आती लेकिन अशुभ ग्रह के होने के कारण विवाह में विलंब का सामना करना पड़ता है.
सातवें भाव में बुध होते हैं शुभ फलदायी
विवाह संबंधी मामलों की बात करें तो सातवें भाव में बुध ग्रह काफी शक्तिशाली होते हैं. अगर बुध सातवें भाव में हैं तो ज्यादातर मामलों में वे शुभ फलदायी ही होते हैं. बुध के प्रभाव से व्यक्ति की आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी. आपका जीवन साथी भी सुंदर होगा. ऐसे लोग देखने में काफी शिष्ट और सुंदर होते हैं. अगर दोस्तों की बात करें तो इसमें महिलाओं की संख्या ज्यादा होती है. ये लोग काफी विद्वान होते हैं और लेखन आदि में उनकी रुचि हो सकती है. ऐसे लोग व्यवसायी भी होते हैं. हालांकि, आपको किसी के साथ वाद-विवाद से बचने की जरूरत है.
सातवें भाव में चंद्रमा के कारण जल्द होगा विवाह
सातवें भाव में चंद्रमा भी आपके लिए अच्छा साबित होता है. अगर इस भाव में चंद्रमा है तो आपको एक दयालु और बेहतरीन साथी मिलने की संभावना है. ऐसे लोग थोड़े सभ्य और शिष्ट माने जाते हैं. कई यात्राएं भी होंगी. चंद्रमा के प्रभाव से व्यक्ति को पानी वाले क्षेत्र के पास रहना पसंद होगा. इनमें धैर्य की कमी भी देखने को मिल सकती है. हालांकि कई बार ये अच्छे भी होते हैं. ऐसे लोग अच्छे व्यापारी हो सकते हैं. बिजनेस में सफलता भी मिलेगी. आपको विदेश जाने का भी मौका मिल सकता है. बातचीत आदि में बेहतर होने के कारण इससे जुड़े क्षेत्र में भी ये जा सकते हैं. ऐसे लोगों का विवाह भी जल्दी हो सकता है.
गुरु बनाता है आशावादी
इस भाव में गुरु भी अच्छा फल प्रदान करते हैं. आपको अपने जीवनसाथी या पार्टनर के जरिए धन कमाने के कई अवसर मिलेंगे. इसके प्रभाव से व्यक्ति काफी आशावादी होता है और इस कारण कई बार निराशा की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है. गुरु के प्रभाव से व्यक्ति काफी आकर्षक हो सकता है. ऐसे लोगों की वाणी भी आकर्षक होगी. इनकी ज्योतिष और साहित्य आदि में रूचि हो सकती है. सातवें भाव में बृहस्पति के प्रभाव से विवाह के बाद आपका भाग्योदय होगा. आपका जीवनसाथी भी सर्वगुण संपन्न होगा. आपको कोई बड़ा पद भी मिल सकता है.
शुक्र के प्रभाव से कम प्रयास से ही मिलेगा लाभ
शुक्र सातवें भाव में बेहतर फल देते हैं. व्यक्ति का वैवाहिक जीवन सुखद होता है. व्यक्ति काफी रोमांटिक हो सकता है. इतना ही नहीं विवाह से आपकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार देखने को मिलेगा. हालांकि आपको अपने साथी से ज्यादा उम्मीद नहीं रखनी चाहिए. ये लोग उदार स्वभाव के होते हैं. कई बार ये चंचल भी होते हैं और इनमें चिंता की प्रवृत्ति भी देखने को मिल सकती है. शुक्र के प्रभाव से कम प्रयास से ही आपको बेहतर लाभ की स्थिति मिल सकती है. शुक्र के प्रभाव से जल्द विवाह हो सकता है, लेकिन कई बार दो-दो विवाह की भी स्थिति उत्पन्न हो सकती है. हालांकि, इस पर कैसे काबू पाना है, यह बहुत हद तक आपके ऊपर भी निर्भर करेगा. ऐसे लोगों को विदेश यात्रा के भी मौके मिलेंगे.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)