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चैत्र माह में पड़ रही है सोमवती अमावस्या, इस दिन पितृ दोष को दूर करने के लिए किए जा सकते हैं कुछ खास कार्य

चैत्र माह की अमावस्या की तिथि सोमवार को पड़ने के कारण यह सोमवती अमावस्या कहलाती है. इस दिन दान-पुण्य और नदी स्नान का भी बहुत महत्व होता है.

Edited by Updated : April 03, 2024 7:28 AM IST
चैत्र माह में पड़ रही है सोमवती अमावस्या, इस दिन पितृ दोष को दूर करने के लिए किए जा सकते हैं कुछ खास कार्य
तर्पण करने से पितर प्रसन्न होते हैं और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है.
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चैत्र माह की अमावस्या 8 अप्रैल को है और इस दिन सोमवार है. चैत्र माह की अमावस्या की तिथि सोमवार को पड़ने के कारण यह सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya) कहलाती है. इस दिन दान-पुण्य और नदी स्नान का भी बहुत महत्व होता है. पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए सोमवती अमावस्या को महत्वपूर्ण दिन माना जाता है. पितरों के नाराज होने पर जीवन में कई तरह की परेशानियां आने लगती हैं. आइए जानते हैं सोमवती अमावस्या के उपाय जिन्हें करने से पितृ दोष (Pitra Dosh) से मिल सकती है मुक्ति. 

पितरों को तर्पण

सोमवती अमावस्या के दिन प्रात: काल स्नान के बाद पितरों को स्मरण करें और उनका तर्पण किया जा सकता है.  इसके लिए काले तिल, सफेद पुष्प और कुश का उपयोग करें. तर्पण करने से पितर प्रसन्न होते हैं और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है.

पीपल की जड़ में पानी

पीपल के पेड़ की जड़ में पानी देने के उपाय से भी पितृ दोष दूर होता है. सोमवती अमावस्या को यह उपाय जरूर करें. इस दिन स्नान और दान के बाद पीपल के पेड़ की जड़ में पानी दें. इस उपाय से पितर प्रसन्न होते हैं. पीपल के पेड़ में तीनों देवों, ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है. पीपल की सेवा से पितरों की कृपा प्राप्त की जा सकती है.

अशोक का पौधा लगाएं

सोमवती अमावस्या के दिन अशोक का पौधा लगाने से भी पितृ दोष से मुक्ति मिल सकती है. अशोक के वृक्ष भगवान विष्णु (Lord Vishnu) को प्रिय होते हैं और अशोक के वृक्ष की सेवा से मोक्ष की प्राप्ति होती है.

भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा

सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करनी चाहिए. इस पूजा के पुण्य को पितरों को अर्पित कर दें. इससे पितर प्रसन्न होंगे और पितृ दोष से मुक्ति मिलेगी.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)