पैदा होते ही इस बच्चे का नाम गिनीज बुक में हुआ दर्ज, पहली बार देखकर डॉक्टर भी रह गए थे हक्के बक्के

क्या आपको पता है दुनिया के सबसे प्रीमैच्योर यानी समय से पहले जन्मे बच्चे का खिताब किसके नाम है? सिर्फ 283 ग्राम में जन्मे इस बच्चे का नाम नैश है, जिसकी कहानी संघर्ष और प्यार की मिसाल है.

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दुनिया का सबसे प्रीमैच्योर बच्चा बना हिम्मत की मिसाल, पढ़ें आखिर क्या है पूरा मामला

Guinness World Records: कभी-कभी जिंदगी सबसे मुश्किल हालात में भी उम्मीद की एक हल्की-सी लौ दिखा देती है. ये कहानी है उसी रोशनी की...एक ऐसे नन्हे बच्चे की, जिसे डॉक्टरों ने उम्मीद से पहले ही 'असंभव' कह दिया था, लेकिन किस्मत ने उसकी स्क्रिप्ट कुछ और ही लिख रखी थी. अमेरिका के आइओवा सिटी में जन्मा छोटा-सा नैश आज दुनिया को ये संदेश दे रहा है कि, 'चमत्कार' कभी भी...कैसे भी हो सकता है. सिर्फ 283 ग्राम में जन्मा यह बच्चा दुनिया के सबसे प्रीमैच्योर यानी समय से पहले जन्मे बच्चे का खिताब पा चुका है.

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दुनिया का सबसे प्रीमैच्योर बच्चा...गिनीज रिकॉर्ड बना नैश (most premature baby to survive)

2024 में सिर्फ 21 हफ्ते की गर्भावस्था में जन्मे नैश ने आते ही Guinness World Record बना दिया. इतने कम हफ्तों में जन्म लेना आमतौर पर जीवन की संभावना बेहद कम कर देता है, लेकिन नैश...जिसका वजन उस समय एक कपकेक जितना भी नहीं था...जिंदगी जी रहा है, बल्कि अब उसे पूरा एक साल का हो चुका है. उसकी मुस्कान, उसकी प्यारी सी आंखें और उसकी छोटी-छोटी हरकतें बताती हैं कि जिंदगी को कभी कम मत आंकिए.

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6 महीने का संघर्ष और माता-पिता का अडिग विश्वास (Nash premature baby)

NICU में 6 महीने की लड़ाई आसान नहीं थी. माता-पिता मोल्ली और रैंडल पहले ही एक गर्भपात झेल चुके थे. डॉक्टरों ने इस बार भी साफ चेतावनी दे दी थी, 'जीवित रहने की संभावना बेहद कम है और अगर रहा भी, तो कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं.' फिर भी मोल्ली ने उम्मीद का हाथ नहीं छोड़ा. लेबर को रोककर नैश का जन्म ठीक 21वें हफ्ते में करवाया गया...जहां डॉक्टरों ने एक नई मेडिकल सीमा को छुआ.

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जनवरी 2025: आखिरकार घर वापसी (21 weeks baby born)

छह महीने बाद, जब नैश अपने माता-पिता की गोद में घर लौटा, उसका चेहरा चमक रहा था. आज भी उसे ऑक्सीजन सपोर्ट और फीडिंग ट्यूब की जरूरत है. दिल में एक छोटा-सा दोष है...जो डॉक्टरों के अनुसार वक्त के साथ ठीक हो सकता है. वो अभी रेंगता नहीं, लेकिन करवट लेता है, खुद को खड़ा करने की कोशिश करता है और अपनी हर मुस्कान से दुनिया को उम्मीद देता है.'

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