ईरानी राष्ट्रपति से कश्मीर पर कुछ बुलवाना चाह रहे थे शहबाज शरीफ,मगर कड़वा घूंट पीकर रह गए

ईरानी राष्ट्रपति ने अपने भाषण में कश्मीर के जिक्र से परहेज किया. इसके बजाय उन्होंने फिलिस्तीन के लिए आवाज उठाने वालों के लिए ईरान के समर्थन पर पूरा फोकस किया.

ईरानी राष्ट्रपति से कश्मीर पर कुछ बुलवाना चाह रहे थे शहबाज शरीफ,मगर कड़वा घूंट पीकर रह गए

ईरान के राष्ट्रपति हैं पाकिस्तान के दौरे पर

ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी (Ebrahim Raisi ) ने सोमवार को अपनी इस्लामाबाद यात्रा के दौरान पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) से मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की. इस मुलाकात के बाद साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में कश्मीर पर इब्राहिम का समर्थन हासिल करने की पाकिस्तानी पीएम की कोशिश विफल रही. ईरान के राष्ट्रपति का इस मुद्दे पर शामिल होने से इंकार एक  संतुलित कदम के तौर पर देखा जा रहा है. ईरान- भारत के संबंध भी सौहार्दपूर्ण दिशा की ओर हैं. बता दें कि ईरान-भारत के बीच राजनयिक और व्यापारिक संबंधों के अलावा फिलस्तीन को लेकर भी हाल ही में बातचीत हुई थी.

ईरान के राष्ट्रपति रईसी तीन दिवसीय यात्रा पर सोमवार को इस्लामाबाद पहुंचे. अपने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान शहबाज शरीफ गाजा की स्थिति पर ईरान के रुख को कश्मीर से जोड़ने की कोशिश में दिखे. उन्होंने कहा कि मैं कश्मीर के लिए आवाज उठाने के लिए आपको और ईरान के लोगों को धन्यवाद देता हूं. हालांकि रईसी ने इस बात को तवज्जो नहीं दी और अपने भाषण में इसके जिक्र से परहेज किया. इसके बजाय उन्होंने फिलिस्तीन के लिए आवाज उठाने वालों के लिए ईरान के समर्थन पर पूरा फोकस किया. उनकी चुप्पी शहबाज शरीफ के लिए किसी अपमान से कम न थी. वे कश्मीर पर ईरान का समर्थन हासिल करने में विफल हो गए.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सोमवार को ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी से मुलाकात कर राजनीतिक, आर्थिक, व्यापार व सांस्कृतिक स्तर पर द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा की. इसके अलावा दोनों देशों ने आतंकवाद को मिटाने के लिए संयुक्त प्रयास करने पर सहमति जताई. हालांकि कुछ महीने पहले दोनों देशों ने एक दूसरे की भूमि पर स्थित कथित आतकंवादी ठिकानों पर हवाई हमले किए थे.

शरीफ ने आठ फरवरी को हुए आम चुनाव के बाद पाकिस्तान का दौरा करने वाले किसी भी देश के पहले राष्ट्राध्यक्ष रईसी का प्रधानमंत्री आवास में स्वागत किया, जहां रईसी नेता को ‘गार्ड ऑफ ऑनर' दिया गया.

सरकारी ‘रेडियो पाकिस्तान' ने बताया कि बातचीत के दौरान, राष्ट्रपति रईसी और प्रधानमंत्री शरीफ ने आतंकवाद को खत्म करने के लिए संयुक्त प्रयास करने पर सहमति जताई. रेडियो ने कहा कि दोनों नेताओं ने अपने देशों के बीच व्यापार और संचार संपर्क बढ़ाने पर भी चर्चा की.रईसी और शरीफ की मौजूदगी में ईरानी व पाकिस्तानी अधिकारियों ने विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने के लिए आठ सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए. राष्ट्रपति रईसी ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि ईरान और पाकिस्तान ने द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाकर 10 अरब अमेरिकी डॉलर तक ले जाने का फैसला किया है.

रईसी ने कहा, “हम उच्चतम स्तर पर संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. ईरान और पाकिस्तान के बीच आर्थिक व व्यापारिक सहयोग की कोई सीमा नहीं है। हमने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाकर 10 अरब अमेरिकी डॉलर तक ले जाने का फैसला किया है.” रईसी आठ वर्षों में पाकिस्तान का दौरा करने वाले पहले ईरानी राष्ट्रपति हैं. उनके साथ उनकी पत्नी और एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी है, जिसमें विदेश मंत्री और कैबिनेट के अन्य सदस्य व वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं. दोनों पड़ोसी देशों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों को उस समय झटका लगा था जब ईरान ने जनवरी में पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में कथित आतंकवादी ठिकानों पर हवाई हमले किए थे. पाकिस्तान ने ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में “आतंकवादी ठिकानों” पर हमला करके पलटवार किया था, जिसमें नौ लोग मारे गए थे.

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(इनपुट्स भाषा से भी)