सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि खाप पंचायतों को दो वयस्कों की शादी में दखल देने का कोई अधिकार नहीं है. ऐसी हरकत गैरकानूनी होगी. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए एम खानविलकर जस्टिस चंद्रचूड़ की बेंच ने ये ऐतिहासिक जजमेंट दिया है. शक्ति वाहिनी नाम की एनजीओ ने 2010 में सुप्रीम कोर्ट के सामने खाप के फरमानों के खिलाफ अपील की थी. सुप्रीम कोर्ट का फैसला खाप के लिए बड़ झटका है. जब तक कि सरकार इस मसले पर कानून नहीं लाती तब तक ये आदेश प्रभावी रहेगा. शक्ति वाहिनी ने मांग की थी की सुप्रीम कोर्ट केंद्र और राज्य सरकारों से ऑनर किलिंग रोकने के मामले पर रोक लगाने के लिए दिशा-निर्देश दे.