मध्य प्रदेश और राजस्थान के राजनीतिक हालातों में पांच बड़े अंतर हैं. मध्य प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस के बीच केवल 5 सीटों का अंतर था. राजस्थान में अभी बीजेपी और कांग्रेस के बीच 35 सीटों का अंतर है. ज्योतिरादित्य सिंधिया की महत्वाकांक्षा मुख्यमंत्री बनने की नहीं थी. सचिन पायलट मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं. कमलनाथ की सरकार दिग्विजय सिंह चलाते थे. राजस्थान में गहलोत के हाथों में पूरी कमान है. मध्य प्रदेश में बीजेपी को सरकार बचाने के लिए 25 में से केवल 9 उपचुनाव जीतने हैं. राजस्थान में सभी उपचुनाव जीतने पड़ेंगे. एमपी में शिवराज सिंह चौहान संगठन की लकीर पर चलने वाले नेता है. राजस्थान में बिना वसुंधरा राजे की मर्जी के बीजेपी सचिन पायलट के साथ जाने का जोखिम नहीं उठा सकती.