हिंदू-मुस्लिम एकता की अनूठी मिसाल, बागपत में मुस्लिम डॉक्टर बाबू मलिक 23 सालों से कर रहे शिव भक्तों की सेवा

बाबू खान हरिद्वार से गंगाजल लेकर लौट रहे कांवड़ियों को मुफ्त चिकित्सा सेवाएं प्रदान करते हैं. बाबू खान का कहना है कि शिव भक्तों की सेवा से उन्हें सुख मिलता है.

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कांवड़ यात्रा का समापन 23 जुलाई को होगा.
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  • बागपत के कावड़ मेले में मुस्लिम डॉक्टर बाबू खान पिछले दो दशकों से शिव भक्तों की सेवा कर रहे हैं.
  • बाबू खान अपनी मेडिकल टीम के साथ शिविर में कांवड़ियों को मुफ्त में मरहम-पट्टी और जरूरी इलाज मुहैया कराते हैं.
  • डॉक्टर खान का मानना है कि प्रभु की सेवा कर रहे लोगों की मदद करना एक सुखद और पुण्य का कार्य है.
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बागपत:

उत्तर प्रदेश के बागपत में चल रहे कावड़ मेले में हिंदू-मुस्लिम एकता की अनूठी मिसाल देखने को मिल रही है. जहां एक मुस्लिम डॉक्टर बाबू खान पिछले 23 वर्षों से शिव भक्तों की सेवा में जुटे हैं. 50 साल के बाबू खान श्रावण मास में एक सप्ताह तक अपना क्लीनिक बंद कर शिव कावड़ सेवा शिविर में डटे रहते हैं. शिव कावड़ सेवा समिति के पदाधिकारी डॉक्टर खान अपनी मेडिकल टीम के साथ शिविर में मौजूद रहते हैं और यहां आनेवाले लोगों का इलाज करते हैं.

बाबू खान हरिद्वार से गंगाजल लेकर लौट रहे कांवड़ियों को मुफ्त चिकित्सा सेवाएं प्रदान करते हैं. मरहम-पट्टी से लेकर जरूरी इलाज तक की सुविधा उपलब्ध कराते हैं. बाबू खान का कहना है कि शिव भक्तों की सेवा से उन्हें सुख मिलता है. उनका मानना है कि प्रभु के लिए तपस्या कर रहे लोगों की सेवा करना सौभाग्य की बात है. वे कहते हैं कि समाज में हिंदू-मुस्लिम एकता और शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखना जरूरी है. उनकी यह सेवा भाईचारे की मिसाल बन गई है.

गौरतलब है कि 11 जुलाई से श्रावण मास शुरू होने के साथ ही कांवड़ यात्रा शुरू हो गई है. कांवड़ यात्रा का समापन 23 जुलाई को होगा.

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