'सेवा का अधिकार कानून'

- 11 न्यूज़ रिजल्ट्स
  • India | Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: Samarjeet Singh |मंगलवार नवम्बर 28, 2023 02:52 PM IST
    सुनवाई के दौरान CJI ने आगे कहा कि सेवाओं को लेकर एक कानून मौजूद है. उस कानून को हमने स्टे नहीं किया है . इस तरह केंद्र के पास इस कानून के तहत नियुक्ति का अधिकार मौजूद है.
  • India | Reported by: हिमांशु शेखर मिश्र, Edited by: अंजलि कर्मकार |सोमवार अगस्त 7, 2023 11:18 PM IST
    गृह मंत्री ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस और पब्लिक ऑर्डर पर काम करने का अधिकार केंद्र को दिया है. सेवा का अधिकार राज्य को देने की बात कही है. इसमें यह भी कहा गया कि केंद्र सरकार को किसी भी विषय पर कानून बनाने का अधिकार है."
  • File Facts | Edited by: पीयूष |गुरुवार अगस्त 3, 2023 03:02 PM IST
    आज लोकसभा में दिल्ली सेवा बिल पर बहस हो रही है. इससे पहले दिल्ली सेवा बिल को लोकसभा में पेश किया जा चुका है. बहस की शुरुआत करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि दिल्ली एक संघ शासित प्रदेश है और संसद को कानून बनाने का अधिकार है.
  • India | Edited by: Samarjeet Singh |गुरुवार अगस्त 3, 2023 03:01 PM IST
    अमित शाह ने कहा कि मैं आपको बताना चाहता हूं कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में क्या कहा है. कोर्ट ने अपने आदेश के पैरा 164 में कहा है कि संसद (केंद्र सरकार) को 239एए के तहत दिल्ली संघ राज्य क्षेत्र के किसी भी विषय पर कानून बनाने का अधिकार है.
  • India | Reported by: हिमांशु शेखर मिश्र, राजीव रंजन, Edited by: चंदन वत्स |मंगलवार अगस्त 1, 2023 06:10 PM IST
    केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री ने कहा कि बीमारी AAP ने पैदा की है, इलाज़ हमारे हाथ में है और इलाज़ यही है. जिन लोगों का ये अवैध तरीके से ट्रांसफर कर रहे थे, धमका रहे थे, ये नहीं चलेगा.
  • India | Reported by: आशीष कुमार भार्गव |मंगलवार अक्टूबर 27, 2020 04:33 PM IST
    Farmers Acts: हिंदू धर्म परिषद द्वारा दायर याचिका में उन आंदोलन और जुलूसों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश भी मांगा गया है जो मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम, 2020 की और उसके बाद किसानों के अधिकार व्यापार और वाणिज्य अधिनियम, 2020 के खिलाफ या उसके पक्ष में हैं जब तक कि अदालत अपना फैसला ना सुना दे.
  • MP-Chhattisgarh | Reported by: अनुराग द्वारी, Edited by: सूर्यकांत पाठक |मंगलवार जुलाई 30, 2019 09:50 AM IST
    शिक्षकों की कमी से जूझ रहे मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों के शिक्षक अब विधायक जी की ड्यूटी बजा रहे हैं. शिक्षा का अधिकार कानून के तहत सरकारी टीचरों को गैर-शैक्षणिक कार्यों के लिए नियुक्त किया जाना प्रतिबंधित है, इसके बावजूद कई विधायकों को लिपिकीय कार्यों के लिए शिक्षकों की सेवाओं की सहुलियत दी गई है. बड़वारा कटनी से विधायक विजय राघवेन्द्र सिंह, सरदारपुर धार से विधायक प्रताप ग्रेवाल, दोनों कांग्रेस विधायक हैं. दोनों के पास टाइपिंग जैसे काम के लिए शिक्षकों की नियुक्ति हो गई है. वैसे सरकारी आदेश कहता है कि पढ़ाने-लिखाने के अलावा शिक्षकों से और कोई काम नहीं लिया जा सकता.
  • India | ख़बर न्यूज़ डेस्क |सोमवार जुलाई 22, 2019 09:38 AM IST
    विपक्ष के कड़े विरोध तथा कांग्रेस एवं तृणमूल कांग्रेस के वाक आउट के बीच सरकार ने लोकसभा में शुक्रवार को सूचना का अधिकार संशोधन विधेयक2019 पेश किया. विधेयक को नौ के मुकाबले 224 मतों से पेश करने की अनुमति दी गयी. विधेयक में यह उपबंध किया गया है कि मुख्य सूचना आयुक्त एवं सूचना आयुक्तों तथा राज्य मुख्य सूचना आयुक्त एवं राज्य सूचना आयुक्तों के वेतन , भत्ते और सेवा के अन्य निबंधन एवं शर्ते केंद्र सरकार द्वारा तय किए जाएंगे. मूल कानून के अनुसार अभी मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों का वेतन मुख्य निर्वाचन आयुक्त एवं निर्वाचन आयुक्तों के बराबर है. प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने सूचना का अधिकार अधिनियम ,2005 में संशोधन करने वाले इस विधेयक को पेश किया.
  • India | ख़बर न्यूज़ डेस्क |गुरुवार जुलाई 19, 2018 11:57 AM IST
    मोदी सरकार आरटीआई एक्ट में संशोधन की तैयारी में है. मॉनसून सत्र के दूसरे दिन यानी गुरुवार को राज्यसभा में आरटीआई संशोधन बिल पेश किया जाएगा. प्रस्तावित संशोधन के मुताबिक़, सूचना आयुक्तों के लिए वेतन, भत्ते और सेवा शर्तें केंद्र के निर्देशों पर तय होंगी. मगर अब इसके खिलाफ में आवाजें उठने लगी हैं. कई आरटीआई कार्यकर्ताओं ने इस संशोधन का विरोध किया है. उनका कहना है कि इससे क़ानून कमज़ोर होगा. 
  • Business | Written by: राजीव मिश्र |सोमवार अप्रैल 16, 2018 05:09 PM IST
    देश में कानून बनाने का अधिकार संसद को है और संसद अपने सांसदों के दम पर यह काम करती है. लोकतंत्र की यही खूबसूरती है कि सांसद जनता द्वारा चुने जाते हैं और इस प्रकार जनता अपने लिए कानून बनाती है. सांसदों का काम जनता की सेवा करना है और अकसर समाजसेवा में कुछ मिलता नहीं है. केवल समाज की सेवा और समाज का मार्गदर्शन ही उनका काम रहा है. लेकिन सांसदों को कई बार आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा और ऐसे में संसद ने सांसदों का वेतन और जरूरत के हिसाब से भत्ते तय किए. 
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